Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसबंर से, क्या राम मंदिर पर आएगा प्रस्ताव?

Default Featured Image

संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो आठ जनवरी 2019 तक चलेगा. बुधवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी दी. इस सत्र में राम मंदिर पर विधेयक आने की अटकलें लगाई जा रही हैं. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार पर राम मंदिर पर संसद में कानून लाने का काफी दबाव है. साधु-संत और आरएसएस समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने इस संबंध मे मोदी सरकार को अल्टीमेटम दे रखा है.

मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति (CCPA) ने संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक बुलाने की सिफारिश की है. इससे पहले मंगलवार रात केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली CCPA की बैठक उनके आवास पर हुई और संसद सत्र की तारीख पर विचार-विमर्श किया गया.

अगले लोकसभा चुनावों से पूर्व नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह अंतिम पूर्ण संसदीय सत्र होगा. संसद का शीतकालीन सत्र अमूमन नवंबर में शुरू होता है, लेकिन यह लगातार दूसरा साल है, जब शीतकालीन सत्र दिसंबर में शुरू होगा. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण इस साल सत्र में देरी हुई है.

बता दें कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हो रहे है. इन सभी राज्यों के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. दिलचस्प बात यह है कि शीतकालीन सत्र उस दिन से शुरू हो रहा है, जिस दिन पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने हैं.

इन पांच राज्यों में से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी की सरकार है. विधानसभा चुनावों के परिणामों की छाया संसदीय कार्यवाही पर भी दिखाई देगी. इन चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है.

क्या राम मंदिर पर संसद में आएगा कानून

इस शीतकालीन सत्र में कई विधेयक पारित होने और कई विधेयकों के पेश होने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं. खासकर राम मंदिर पर संसद में विधेयक आने की उम्मीद है. वर्तमान में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भारतीय राजनीति के केंद्र में बना हुआ है. राम मंदिर पर संसद में कानून लाने को लेकर मोदी सरकार पर भी काफी दबाव है. आरएसएस समेत कई हिंदूवादी संगठन और संत समाज मोदी सरकार से संसद में राम मंदिर पर कानून लाने की मांग कर रहे हैं.

RSS के सरसंघचालक‎ मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं कि अब राम मंदिर के लिए कानून बनाना चाहिए. उनके इस बयान सीधे मतलब यह है कि संघ और भाजपा के समर्थकों और राम के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार को सदन में राम मंदिर के लिए क़ानून लाना चाहिए. अब यहां सवाल यह है कि क्या सरकार राम मंदिर पर संसद में कानून लाएगी.

राकेश सिन्हा ने प्राइवेट मेंबर बिल लाने की कह चुके हैं बात

इसके अलावा आरएसएस नेता और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी संसद में राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही है. हाल ही में बीजेपी सांसद सिन्हा ने कहा था, ‘जो लोग बीजेपी और आरएसएस को उलाहना दे रहे हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं, क्या वो उनके प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे.’

राकेश सिन्हा ने कहा था कि अगर विपक्ष के नेता उन्हें बिल पर कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो दे सकते हैं. यदि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव या अन्य नेता उन्हें उनके घर बुलाएंगे, तो वो वहां भी जाने के लिए तैयार हैं.