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विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंची मैरीकॉम, भारत का सातवां पदक पक्का

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भारत की सुपरस्टार और पांच बार की चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (48 किग्रा) ने मंगलवार को यहां चल रही दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैम्पियनिशप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर सातवां पदक पक्का कर लिया. युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को हालांकि 2016 विश्व चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1-4 से पराजय का मुंह देखना पड़ा.

पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने दिन की शुरूआत चीन की यू वु पर 5-0 (30.27, 29.28, 30.27, 29.28, 30.27) की शानदार जीत से की, अब वह गुरूवार को उत्तर कोरिया की हयांग मि किम से भिड़ेंगी जिन्हें उन्होंने पिछले साल एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में हराया था. लंदन ओलंपिक की कांस्य पदकधारी मैरीकॉम ने अपने चिर परिचित अंदाज में खेलते हुए चीनी मुक्केबाज को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया. उनके दांये बांये हाथ से लगाये गये मजबूत मुक्कों का यू वु के पास कोई जवाब नहीं था.

विश्व चैम्पियनिशप में छह पदक जीत चुकी मैरीकॉम आत्ममुग्ध होने से बचना चाहती हैं और एक बार में एक ही मुकाबले पर ध्यान लगा रही हैं. उन्होंने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘यह काफी कठिन भी नहीं थी और आसान भी नहीं थी. मैं रिंग में ध्यान भंग नहीं होने देती, जिससे फायदा मिलता है. मैं उसे देखकर उसके खिलाफ खेल रही थी. चीन की मुक्केबाज काफी मजबूत हैं, लेकिन उसके खिलाफ यह मेरा पहला मुकाबला था.

अगले मुकाबले के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं पदक दौर में प्रवेश कर चुकी हूं. एशियाई चैम्पियनशिप में मैंने उसको हराया था. अभी सेमीफाइनल में लडना है, अति आत्मविश्वास से नहीं खेलना है. उसकी वीडियो का आकलन किया था, उसी के हिसाब से खेलूंगी. ’’

दोपहर के सत्र में दूसरी भारतीय मनीषा रिंग में उतरी. वह शीर्ष वरीय के खिलाफ कहीं न कहीं अनुभव की कमी महसूस हुई. मनीषा की यह सीनियर में पहली बड़ी चैम्पियनशिप थी, लेकिन उनका मानना है कि यह अनुभव उनके लिये बहुत काम आयेगा.

बुल्गारिया की मुक्केबाज ने शुरू से मनीषा को दबाव में रखा और कुछ बेहतरीन पंच से उन्हें कोई मौका नहीं दिया. बैंथमवेट मुक्केबाज मनीषा को शुरू से ड्रा में कड़े मुकाबले खेलने पडे, उन्होंने पहले दौर में विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदकधारी, फिर पोलैंड की विश्व चैम्पियन को मात दी. लेकिन आज वह जीत हासिल नहीं कर सकीं.