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Editorial :- बहुरूपीये रामभक्त की कांग्रेस ने खेला मुस्लिम कार्ड

22 November 2018

कांग्रेस के पूर्व रक्षामंत्री .के.एंटोनी की कमेटी ने कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट किया था कि जनता कांग्रेस पार्टी को एक मुस्लिम पार्टी के रूप में समझती है।  इस छवि को मिटाना आवश्यक है।

इस रिपोर्ट के बाद गुजरात विधानसभा चुनाव के समय से फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी जनेऊधारी बहुरूपीया ब्राम्हण बन गये और अपने आपको राम भक्त भी कहने लगे तथा मंदिरमंदिर के दरवाजे खटखटाने लगे।

इसके उपरांत कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय भी एक ओर वे कर्नाटक में लिंगायत को हिन्दू धर्म से अलग करने का षडयंत्र किया और दूसरी ओर कथित रूप से अंडे खाकर मंदिरों में दर्शन करने पहुंचे थे।

इतना ही नहीं वे अपने आपको राम भक्त तथा शिवभक्त भी कहने लगे। यहॉ यह उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी के निर्देश पर यूपीए शासन काल में मंत्री रही क्रिस्चियन अंबिका सोनी ने सुप्रीम कोर्ट में यूपीए सरकार की ओर से हलफनामा दायर कर ये कहा था कि राम काल्पनिक हैं ऐतिहासिक नहीें, उनकी कोई हस्ती नहीं है।

कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है यह अपने आपको भूला नहीं पा रही है क्योंकि वह समझती है कि उसकी जीवन वायु मुस्लिम परस्त राजनीति ही है।  कमलनाथ का एक वीडियो कुछ दिनों पूर्व सोशल मीडिया मेंं वायरल हुआ था जिसमें वे उपस्थित मुस्लिम समुदाय को कह रहे हैं कि चुनाव तक सतर्क रहें, हिन्दुत्व की बात करने वालों से बाद में निपट लेंगे।

कमलनाथ मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से कह रहे हैं, ‘इस समय सजग सतर्क रहने की जरूरत है। ये लोग आपको (मुस्लिम) उलझाने की कोशिश करेंगे। इनसे हम निपट लेंगे बाद में, मतदान तक आपको सब कुछ सहना पड़ेगा।

कमलनाथ के इस बयान पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है, “कांग्रेस, राहुल गांधी, कमलनाथ सभी का एक ही काम है, राष्ट्रवादी संगठनों को निशाना बनाना, क्योंकि भाजपा राष्ट्रवाद की बात करती है, भाजपा राष्ट्रवादी संगठनों को साथ लेकर चलती है, जिससे पूरा देश एक सूत्र में बंधकर आगे बढ़ता हुआ दिखता है।

कांग्रेस ने हमेशाबांटो और राज करोÓ के आधार पर देश में सत्ता हासिल की है। इसीलिए वह समयसमय पर संघ जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर हमला कर तुष्टिकरण की राजनीति करती है।

अब आज इस वीडियो का दूसरा हिस्सा भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है :

कमलनाथ के वायरल वीडियो का दूसरा हिस्सा आया सामने, मुस्लिमों से मांगे 90 फीसदी वोट,

मुस्लिम समाज से धर्म के आधार पर वोट मांगने वाले कथित वीडियो का एक और हिस्सा सामने आया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि कमलनाथ धर्म के आधार पर मुस्लिम वोट्स को कांग्रेस से जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं. वीडियो में कमलनाथ लोगों को मुस्लिम वोटों का गणित समझाते दिख रहे हैं.

इस वीडियो का जो नया हिस्सा सामने आया है उसमें कमलनाथ मुस्लिम समाज के लोगों को बूथ का गणित समझाते हुए पूछते हुए दिख रहे हैं कि पिछले चुनाव में मुस्लिम बूथों पर केवल 50 फीसदी मतदान क्यों हुआ. इसके साथ ही वे यह कहते हुए भी दिख रहे हैं कि मुस्लिम नेताओं की जिम्मेदारी है कि मुस्लिम बूथों पर 90 फीसदी तक मतदान हो.

मध्यप्रदेश चुनाव से हफ्ते पहले एक गुप्त बैठक में कांग्रेस ने घोषणा की कि यदि कांग्रेस को मुस्लिम वोट का ९० प्रतिशत वोट नहीं मिला तो कांग्रेस पार्टी समाप्त हो जायेगी।

उस बैठक वाले वीडियो में कांग्रेस नेता ने यह भी कहा : ”हमारे नेताओं, वे जनजातीय या आदिवासी वोटों से नहीं जीतते हैं। वे 23त्न हैं, यह 24त्न तक बढ़ सकता है। इसलिए मैं अन्य समुदायों के महत्व के बारे में बात कर रहा हूं। बीजेपी आदिवासी समुदायों के पास भी जाती है, इसलिए वोट मिलता है उन्होंने कहा कि यह अन्य समुदाय हैं जो हमें जीतने में मदद करते हैं। इसलिए हमें देखना है कि गणित क्या है। हम चाहते हैं कि आप समुदाय के कई लोग चुनाव के लिए खड़े रहें। ÓÓ

कमलनाथ ने वीडियो में यह भी कहा कि मुस्लिम वोट का 80त्न भी कांग्रेस के लिए अपर्याप्त होगा, और केवल 90त्न वोट उन्हें बचाएंगे, और इसे सक्षम करने के लिए, नेताओं को जो भी कर सकते हैं, उन्हें मतदान केंद्र में मतदान केंद्र जाना चाहिए मतदाताओं को खोजने के लिए। उन्होंने आगे कहा कि यह सब चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले किया जाना चाहिए।

आज महबूबा मुफ्ती ने सोनिया गांधी के निर्देश पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि वह उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस और फिरोज खान के पौत्र राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर मेें सरकार बनाएंगी। इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान के इशारे पर वह कश्मीर में सरकार बनाने का नाटक कर उसे पाकिस्तान को उसी प्रकार से गिफ्ट करने का षडयंत्र कर रही है जिस प्रकार से पंडित नेहरू ने १९४७ में पीओके को गिफ्ट पाकिस्तान को किया था।

राष्ट्रवादी जनता को इस षडयंत्र से सावधान रहकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत की एकता को बनाए रखना आवश्यक है।