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कोरोना काल में लिखी 25 पुस्तकें, ‘हमारे आराध्य’ के पांचवें संस्करण का ऑनलाइन किया विमोचन

कोरोना काल ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। लोग अपने घरों में बंद रहने के लिए बाध्य हो गए। मगर, इस परेशानी ने कुछ अच्छी चीजों का भी दुनिया से परिचय करवाया। कई लोगों ने कोरोना काल में अपने हुनर को पहचाना, तो कई लोगों ने इस दौरान अपने पसंद के काम को आगे बढ़ाया। इन्हीं में से एक हैं दुर्ग के साहित्यकार ललित देवांगन“छाया”, जिनके द्वारा कोरोना काल के दौरान लिखी गई 25वीं पुस्तक “हमारे आराध्य-5” का आनलाइन विमोचन बुधवार को किया गया।

देवांगन ने अपनी इस 45वीं पुस्तक में भारत के तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के विषय पर जानकारियां संकलित कर प्रस्तुत की हैं, ताकि हमारे परिजन, मित्रजन और भावी पीढ़ी उनके बारे मे जान सकें।

ललित देवांगन ने बताया कि अभी तक उनकी कविता संग्रह पड़ाव, इंद्रधनुष, क्षितिज, विविधा, सामाजिक शोध पुस्तक अस्तित्व, लेखसंग्रह अभिव्यक्ति, दर्पण, भावना, क्षणिकाएं, पर्यटन पुस्तक छत्तीसगढ़ दर्शन-01 और 02, भारत दर्शन, कहानी संग्रह जिंदगी, मेरी संयंत्र यात्रा (संस्मरण), मेरी जीवन यात्रा (संस्मरण), सपने (रोजगार मार्गदर्शिका), सामाजिक इतिहास प्रेरणा-01, 02 और 03, श्री परमेश्वरी महात्म्य (देवांगन पुराण), सामाजिक मार्गदर्शिका हमारा समाज एक से लेकर चार तक, भारत भाग्य विधाता-एक से लेकर ग्यारह संस्करण, छत्तीसगढ़ के खेवैया-01, 02, 03, हमारे आराध्य श्रीराम, हमारे आराध्य-02, 03, 04, मृतक भोज – हां या ना और आयोजन प्रकाशित हो चुकी है।