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अध्यक्ष राज्य गौ सेवा आयोग की अध्यक्षता में हुई पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग महामण्डलेश्वर राजेश्री डाॅ0 महंत राम सुंदर दास की अध्यक्षता में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में महामण्डलेश्वर राजेश्री डाॅ0 महंत राम सुंदर दास ने जिले की गौ सेवा संस्थान, गौसदन एवं गोठानों के गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है एवं कृषि के साथ-साथ पशु पालन गौ सेवा संरक्षण का अभिन्न अंग माना जाता है। वर्तमान परिवेश में कृषि कार्य के अतिरिक्त पशु पालकों द्वारा व्यवसायिक तौर पर आर्थिक सबल हेतु पशु पालन कार्य लिया जा रहा है। इसके साथ ही शासन द्वारा गोठानों में गौवंश पशुओं को संरक्षण और बेहतर रख-रखाव करके ग्रामों में पशु पालकों एवं ग्रामीणों को उनकी आर्थिक एवं आजीविका संबंधी उपयोगिता से जोड़ने का सराहनीय कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके अलावा सड़कों पर रहने वाले पशुओं के प्रति समाज के नजरिये को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है। चूंकि पशओं में वर्तमान परिवेश में विभिन्न तरह की रख-रखाव, परिवहन, मौसम के अनुकूल भारी कार्य लिया जाना, खुले में चरागन, सड़कों एवं अन्यत्र स्थानों पर साधारणतः देखा जा रहा है। जिसके समुचित व्यवस्थापन किया जाना आवश्यक है।
बैठक के एजेण्डे में जैसे पशु परिवहन हेतु क्षमता के अनरुप एवं शासन के नियमानुसार पशुओं का परिवहन, पशुओं के परिवहन के समय मौसम – वर्षा, शीत एवं ग्रीष्म ऋतुओं में परिवहन के समय का विशेष ध्यान रखने, सडक मार्ग पर परिवहन में क्षमता के अनुरुप एबं वाहन की गति नियंत्रण, सडको पर खुले मे विचरण करने वाले पशुओं को पशु पालकों की सहायता से खुले मे न छोडने संबंधी प्रचार प्रसार, सडक दुर्घटना होने की स्थिति मे प्राथमिक उपचार उपरांत नजदीकी गौशाला/गौसदन में रखने, पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर निगरानी करने, उन्हें सचेत करना- पशुओं के प्रति क्रूरता करने वाले व्यक्तियों पर कडी निगरानी करते हुये उन्हें उचित मार्गदर्शन एवं पशु क्रूरता अधिनियम 11960 58 क के तहत् कार्यवाही, नगर पालिका/नगर पंचायत अंतर्गत मांस, मछली बाजार व्यवस्थित करने एवं मांस परीक्षण, जिलें के समस्त नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र अतर्गत मांस, मछली बाजार पर शासन के नियमानुसार उचित व्यवस्थापन एवं स्वास्थ्य/मांस परीक्षण पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ से कराने उपरांत बिक्री करने एवं मांस, मछली व्यवसायियो का पंजीयन जैसे बिन्दु शामिल थे। बैठक में गौसेवा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मांस मछली. कुक््कुट व्यवसायियों द्वारा अधिकांशतः अव्यवहारिक प्रवृत्ति जैसे पक्षियों एवं पशुओं को उल्टा लटकाकर परिवहन किया जाता है, जो कि पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत आता हैं। अतः जिला परिवहन अधिकारी एवं पुलिस विभाग के समन्वय से नगर के चैक-चैराहों अथवा चेक पोस्ट पर अधिकारी उचित कार्यवाही करें। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि नगरपालिका क्षेत्र में एक ही जगह मांस-मछली बाजार के उचित व्यवस्थापन किया जाएगा साथ ही सड़कों में खुले में विचरण करने वाले पशुओं के मालिकों को भी प्रारंभ में चेतावनी देने एवं उसके पश्चात् ध्यान न देने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही भी की जायेगी। चूंकि नगरपालिका क्षेत्र में गोठान का व्यवस्थित रूप से संचालन हो रहा है। अतः किसी भी प्रकार के पशु क्रूरता संबंधी शिकायत होने पर तुरंत संज्ञान में लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पशु-पक्षियों के संबंध में जन सहभागिता के तौर पर सभी को संवेदनशील बनने की भी आवश्यकता है। बैठक में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, वनमंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ0 एसके द्विवेदी, कामधेनु गौसेवा संस्थान के सदस्य सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।