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प्रधानमंत्री पद को लेकर ममता बनर्जी का बड़ा बयान, मेरी नजर दिल्ली नहीं बंगाल पर है

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आयोजित ‘हिंदी भाषी सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं एक सच्चा हिंदुस्तानी हूं. हम उनमें से नहीं हैं जो वादा करके भूल जाते हैं. हम जो वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं. कुछ लोग चुनाव से ठीक पहले लोगों से वादे करते हैं और सत्ता में आने के बाद सारे वादे भूल जाते हैं.’ अपनी इस हुंकार के साथ ममता ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दी है.

ममता बनर्जी आगे कहा, अगर मेरी एक नजर बंगाल में है तो दूसरी नजर राजस्थान, बिहार और दूसरे राज्यों में है. इन शब्दों के जरिए ममता ने खुद को बंगाल की सीमा से बाहर निकलते हुए राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्पष्ट रूप से स्थापित करने की कोशिश की. ममता बनर्जी ने कहा कि भारत तभी विकास करेगा जब हम सभी एकजुट रहेंगे. मैं फर्राटेदार हिंदी नहीं बोल पाती, इसके बावजूद हिंदी में बात करती हूं.

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लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि, अगर केंद्र में सत्ता परिवर्तन होगा तो हर किसी के चेहरे पर राहत भरी खुशी देखने को मिलेगी. इसलिए, मैं इस लड़ाई को लड़ना चाहती हूं. मैं इस लड़ाई को कुर्सी के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सेवा के लिए लड़ना चाहती हूं. केंद्र में अगर सत्ता परिवर्तन होगा तो हर किसी को इसका लाभ मिलेगा.

उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में बैठे लोग मुझे परेशान करने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं, लेकिन में हार नहीं मानने वाली हूं. मैं इस लड़ाई से भयभीत नहीं हूं. ममता बनर्जी ने साफ-साफ कहा कि मैं दिल्ली में कुर्सी नहीं चाहती, केवल लोगों की सेवा करना चाहती हूं.

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हिंदी भाषी सम्मेलन को लेकर ममता बनर्जी ने कहा कि यह इस तरह का दूसरा कार्यक्रम है. पहला हिंदी भाषी सम्मेलन कोलकाता में आयोजित किया गया था. उन्होंने रानजीतिक विश्लेषकों को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनका मानना है कि ऐसे कार्यक्रम इसलिए आयोजित किए जा रहे हैं, क्योंकि मैं हिंदी भाषी लोगों को रिझाने में लगी हुई हूं. कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि मैं मुस्लिम तुष्टीकरण के बाद बैलेंस करने के लिए ये सब कर रही हूं.

बता दें, ममता बनर्जी हर साल छठ पूजा में शामिल होती आई हैं. लेकिन, इस साल से छठ के अवसर पर एक दिन की सरकारी छुट्टी घोषित की गई है. इससे पहले दुर्गा पूजा के अवसर पर सरकार की तरफ से 10 हजार रूपये चंदा देने पर भी काफी बवाल हुआ था. पिछले साल पुरुलिया के TMC अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने ब्राह्मण सभा का आयोजन किया था. इसके अलावा रामनवमीं पर आयोजित कार्यक्रम में भी TMC कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए थे.