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Editorial :- विकास VS विनाश

8 December 2018

विकास किसे कहते हैं इसकी व्याख्या आज के समाचारों से करने का यहॉ प्रयास है

आज का एक समाचार है : चीन को पछाड़ा, 20 साल में पहली बार इस सेक्टर में भारत टॉप पर।

आज का दूसरा समाचार है : दुनिया के 20 सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से 17 भारत से होंगे।

विनाश किसे कहते हैं इसका संकेत आज के ही एक समाचार से मिल जाता है : इमरान खान का बीजेपी पर निशाना, मोदी सरकार को बताया ऐंटी मुस्लिम, ऐंटी पाकिस्तान।

अब चीन ने पीओके में शक्सगम वैली में 36 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करना शुरू कर दिया है। इस वैली को पाकिस्तान ने चीन को गिफ्ट किया था। यहां पर सड़क की मदद से चीनी सेना को सियाचिन के करीब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) तक पहुंचने में आसानी हो सकेगी।

धीरेधीरे एक दृष्टि से पाकिस्तान जिस भारत के जिस पीओके को हथियाया हुआ है उसे वह चीन को पूरा का पूरा गिफ्ट कर देगा।

चीन लगातार भारत से सटी सीमाओं और चीनपाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के बहाने लगातार अपनी गतिविधियों में इजाफा कर रहा है।

सीपीसी पाकिस्तान के लिये एक जी का जंजाल बन चुकी है। सांप छछूंदर जैसे वह इसे निगल सक रहा है और इसे छोड़ सक रहा है। वह पूरी तरह चीन के कर्ज में डूबा हुआ है।

चीन इसी प्रकार से अन्य पड़ोसी देशों श्रीलंका, भूटान, मालदीव, नेपाल आदि को आर्थिक मदद के बहाने कर्ज देकर जकड़ रहा है।  

अभीअभी मालदीव में जो चुनाव हुए हैं उसमें सत्ता जिनके हाथ में आई है उन्होंने तुरंत प्रयास किया है कि चीन से छुटकारा पाया जाये। लंका भी इसी प्रकार का प्रयास कर रहा है।

अब विधानसभा चुनाव के नतीजे तो ग्यारह दिसंबर को आएंगे परंतु एक्जिट पोलों से उत्साहित होकर कांग्रेस सोच रही है कि निकट भविष्य में वह भारत पर पुन: शासन कर सकेगी।  

उसकी यह सोच विनाश का संकेत है। पाकिस्तान में जिस प्रकार से आतंक का गढ़ बना हुआ है और जिस प्रकार से वह चीन की गिरफ्त में है यह विनाश के निशान हैें।

भारत कभी भी अब निकट भविष्य में विनाश की ओर नहीं जायेगा। कामरेड कृष्ण मेनन के माध्यम से चीनी हिन्दी भाईभाई के नारे लगाकर  १९६२ में हमारा क्या हश्र हुआ था यह हमें विदित है।

१९४७ में भारत का विभाजन हुआ। भारत में कश्मीर रियासत का विलय वहॉ के उस समय के शासक कर्ण सिंह के पिता महाराजा हरिसिंह ने किया था। उसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने अपनी सेना को कबायली के वेश मे घुसाया था। भारत की सेना उसे खदेड़ती जा रही थी। कुछ हिस्सा ही बचा था। ठीक उसी समय नेहरू ने किस प्रकार से पाकिस्तान को पीओके गिफ्ट किया यह हमें विदित है।

कांग्रेस की चाल है कि कश्मीर को पाकिस्तान को और पीओके को चीन को सौंप कर पाक और चीन से दोस्ती कर उनकी मदद से मोदी सरकार को हटाया जाये।

मणिशंकर की पाकिस्तान यात्रा, वहॉ उनके द्वारा आईएसआई से मोदी सरकार को हटाये जाने की सहायता मांगना और अब राहुल गांधी के निर्देश पर सिद्धूृ का पाकिस्तान जाना। पाक  के आर्मी चीफ से और खालिस्तानी आतंकी गोपाल चावला से गले मिलना यह संकेत देता है कि किसी प्रकार का एक  गुप्त समझौता पंजाब के संबंध में भी कांग्रेस ने पाकिस्तान से किया है।

अब हमें सोचना है कि हम भारत जो अभी विकास की ओर जा रहा है उसे और गति देना है  या विनाश की ओर जाना है चीन और पाकिस्तान की कुटिल चाल में फंस कर।