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नतीजे से पहले ही कांग्रेस में ‘ऑपरेशन सीएम’ शुरू, गहलोत और पायलट कैंप सक्रिय

 राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद आए एग्जिट पोल और सर्वे में कांग्रेस के सरकार में आने की संभावना जताई जा रही है। चुनाव परिणाम तो 11 दिसम्बर को आएंगे, लेकिन कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के खेमे सक्रिय हो गए हैं। गहलोत और पायलट के निकटस्थ संभावित विधायकों से सम्पर्क साध रहे हैं। शुक्रवार को मतदान सम्पन्न होने से पूर्व ही अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे गए, वहीं सचिन पायलट देर रात दिल्ली पहुंचे।

कांग्रेसी उत्साहित, निर्दलियों से साधा जा रहा संपर्क
एग्जिट पोल और सर्वे में कांग्रेस का पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताए जाने से कांग्रेस नेता उत्साहित है। सचिन पायलट कैंप और अशोक गहलोत खेमा अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की रणनीति में जुट गए हैं। विधायक दल की बैठक में कौनसा विधायक किसका समर्थन करेगा इसे लेकर दोनों खेमे सक्रिय हो गए। कुछ संभावित विधायकों ने दोनों नेताओं ने खुद टेलीफोन पर संपर्क किया है।

गहलोत और पायलट खेमे के लोग जीतने योग्य निर्दलियों के भी संपर्क में है। एक तरफ तो कांग्रेस में सीएम पद को लेकर अंदर खाने रस्साकशी चल रही है, वहीं दूसरी तरफ जयपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे कह रहे है कि गहलोत कौन होते है मुख्यमंत्री बनाने वाले। खाचरियावास कह रहे है कि हमारे नेता राहुल गांधी हैं, वे जो कहेंगे वह फैसला हमें मंजूर होगा। खाचरियावास ने एक टीवी चैनल से बातचीत में भी यही बात कही है। खाचरियावास का बयान आने के बाद गहलोत खेमा सक्रिय हो गया है। खाचरियावास पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट के काफी निकट माने जाते हैं।

खाचरियावास ने पिछले पांच साल में पायलट के साथ मिलकर वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किए हैं। जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को दिनभर अलग-अलग चर्चाओं का दौरा जारी रहा, हालांकि अधिकांश कांग्रेसी यह कहते नजर आए कि पायलट ने पार्टी की कमान उस समय संभाली थी जब आजादी के बाद सबसे कम 21 सीटें कांग्रेस को मिली थी और अब सरकार बनने की तैयारी है। ये लोग कहते हैं कि सरकार की कमान भी पायलट के हाथ में ही होनी चाहिए।