भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने सोमवार को दोहराया कि वह बैंकों का लोन और कर्मचारियों का पैसा चुकाने को तैयार हैं. लंदन में वेस्टमिंस्टर कोर्ट में उनके प्रत्यर्पण की सुनवाई से पहले उनका यह बयान आया है. माल्या ने कहा कि लोन चुकाने के उनके ऑफर का प्रत्यर्पण के मामले से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह उसका सम्मान करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जो भी फैसला होगा मेरी कानूनी टीम उसका खुलासा करेगी और उचित कदम उठाएगी.’
कोर्ट में जाने से पहले मीडिया से बात करते हुए माल्या ने कहा, ‘जब सारी बातें कही ही जा रही हैं, तो मेरे कुछ कहने के लिए बचा क्या है.’ जब उससे पूछा गया कि उसका लोन रीपेमेंट ऑफर कितना जेनुइन था, तो माल्या ने जवाब दिया, ‘प्लीज यह समझिए कि मैंने कोर्ट के सामने ऑफर दिया था और कोई भी कोर्ट के सामने फर्जी ऑफर नहीं दे सकता.’
माल्या ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने समझौते का विस्तृत ब्योरा कर्नाटक हाईकोर्ट में जमा करा दिया है. जब उनसे पूछा गया कि यह फैसला कितना सही है तो उन्होंने जवाब दिया कि सही या गलत कुछ नहीं होता. इस बात को समझना होगा कि यह प्रस्ताव कोर्ट में दिया गया है और कोई भी अदालत का अनादर नहीं करता है.
प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई के लिए सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साई मनोहर के नेतृत्व में एक टीम रविवार को लंदन गई थी.
बता दें कि विजय माल्या पर बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और लोन ली गई रकम को दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी है. मार्च 2016 में वह भारत से भागकर लंदन चले गए थे. माल्या का कहना है कि उन पर मामला राजनीतिक वजहों से चलाया जा रहा है.
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