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Editorial :- मतदान में नोटा व पीएम उम्मीदवार घोषित करने में नोटा लोकतंत्र के लिये घातक

13 December 2018

नोटा लोकतंत्र के विरूद्ध एक साजिश है।  इसे जारी रखना या रखना इस संबंध में चुनाव आयोग को पुन: विचार करना चाहिये।

मतदान के प्रति नकारात्मक सोच नहीं होनी चाहिये। मतदान हर एक को करना चाहिये। परंतु  नोटा द्वारा मतदान भी एक दृष्टि से नकारात्मक सोच ही है। यह

राजस्थान और मध्यप्रदेश में जिस प्रकार से नोटा का उपयोग हुआ है उससे स्पष्ट हो जाता है कि यह भाजपा के विरूद्ध कांग्रेस की एक साजिश थी।

पीएम मोदी को हटाने के लिये जो गठबंधन या महागठबंधन विपक्षी पार्टियों विशेषकर परिवारवादी पार्टियों जो बनाया जा रहा है बिना उनकी ओर से पीएम उम्मीदवार घोषित किये, वह भी एक प्रकार से भाजपा के विरूद्ध एक सोचीसमझी साजिश है।   

ये दोनों ही प्रकार के नोटा लोकतंत्र के लिये घातक हैं। एक प्रकार से कहा जाये तो यह भाजपा के विरूद्ध ही साजिश नहीं है बल्कि लोकतंत्र के विरूद्ध साजिश है।

दरअसल कांग्रेस को अंदेशा था कि बीजेपी समर्थक वोटरों को अपने पाले में लाना मुश्किल है। इसलिये कांग्रेस और कुछ संगठनों ने बीजेपी के खिलाफ नोटा का बटन दबाने का अभियान चलाया। इसका मकसद था बीजेपी के कट्टर वोटरों का वोट खराब करना।

कांग्रेस इस साजिश में कामयाब हो गई और बीजेपी के कट्टर समर्थकों, खासकर सवर्णों के एक वर्ग ने नोटा का बटन दबा दिया। इसका नतीजा ये निकला कि बीजेपी अपने लोकप्रिय समर्थक आधार के बावजूद कई सीटे हार गई और सत्ता से बाहर हो गई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस की इस साजिश का अनुमान लगा लिया था। इसलिए उन्होंने बार बार बीजेपी कार्यकर्ताओं और आम लोगों से एक एक वोट का सदुपयोग करने की अपील की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि आप ये मत सोचिये कि आपके वोट से एक विधायक बनता है, आपके विधायक से ईमानदार सरकार बनती है।

इसी प्रकार से आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों द्वारा जो गठबंधन या महागठबधंन  बनाया जा रहा है बिना अपना पीएम उम्मीदवार घोषित किये यह भी एक प्रकार से लोकतंत्र के विरूद्ध साजिश है।

यह नकारात्मक सोच का ही प्रतीक है। मतदाताओं को झांसे में रखने के लिये उन्हें छलने के लिये अर्थात उनके साथ छलकपट करने के लिये उन्हें धोखा देने की नीयत से बिना पीएम उम्मीदवार घोषित किये ही इक_ हो जाना गठबंधन बना लेना भाजपा के विरूद्ध नहीं बल्कि लोकतंत्र के विरूद्ध एक साजिश है।

यह उसी प्रकार से लोकतंत्र के लिये घातक है जिस प्रकार से मतदान करते समय नोटा का उपयोग करना।