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Editorial :- राफेल डील और अस्थाना पर सुप्रीम कोर्ट के ये फैसले बीजेपी के लिये संजीवनी

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15 December 2018

१४ दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दो फैसले लिये हैं। एक फैसला राफेल डील पर है और दूसरा फैसला अस्थाना की नियुक्ति पर है। प्रश्र यह है कि राफेल डील पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट  की क्लीनचिट, जनता की अदालत में क्या मुंह लेकर जाएगी कांग्रेस?

उक्त दो फैसले केजरीगोएबल्स डाक्ट्राइन  के तीर से घायल हुए भाजपालक्ष्मण के लिये सुप्रीम कोर्ट में संजीवनी प्रस्तुत कर दी है।

पीएम मोदी ने आज कहा है कि कांग्रेस माडल और कम्युनिस्ट माडल दोनों हि भ्रष्ट माडल हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि पहले मूल मंत्र वीआईपी था, अब मूल मंत्र ईपीआई है।  ईपीआई यानी एव्री पर्सन इज इम्पार्टेंट।

नेहरू से लेकर यूपीए तक का शासन भ्रष्ट शासन ही कहा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है. कोर्ट के फैसले ने झूठ की राजनिति का पर्दाफाश किया है.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हमेशा सत्य की जीत होती है, आज ये फिर साबित हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीजेपी के लिए राहत भरा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार विधानसभा चुनावों के दौरान इस मुद्दे को उठाते रहे हैं।

केजरी गोएबल्स डाक्ट्राइन का अनुकरण करते हुए राहुल गांधी तथा कांग्रेस के अन्य नेता पीएम मोदी को चोरचोर कहकर अपमानित करते रहे।  

अब इस डाक्ट्राइन का पर्दाफाश हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने सत्य को उजागर कर दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश की जनता और सेना से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने जनता का गुमराह किया है।

भारत की सेना को अपमानित करने का भी दुष्चक्र कांग्रेस तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किया है।

गुलाम नबी आजाद और संदीप दीक्षित इसमें अग्रणी रहे हैं। दीक्षित ने तो आर्मी चीफ रावत को सड़क का गुंडा तक कह दिया था।

कांग्रेस पर बिचौलियों के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा, मोदी सरकार ने हमेशा गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील की है. कभी बिचौलियों को आने नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस ने हमेशा बिचौलिया के साथ काम किया. मैं चाहता हूं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन के बारे में अब जनता को बताना चाहिए. उनको बताना चाहिए उनकी जानकारी आधार क्या था. राहुल गांधी को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।

लोकशक्ति के इसी अंक के प्रथम पृष्ठ में प्रकाशित समाचार के अनुसार अगस्ता वेस्टलैंड केस के संबंध में क्रिस्चियन मिशेल का जो प्रत्यार्पण हुआ है उससे बहुत कुछ इस डील के संबंध में रहस्योद्घाटन होगा।

क्रिस्चियन मिशेल के पिता के संबंध इंदिरा गांधी से रहे हैं। इसी प्रकार से बोफोर्स रिश्वत कांड के खलनायक काक्रोची के संबंध भी सोनिया गांधी से और रॉबर्ट वाड्रा से रहे हंै।

उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी कि सूरज के सामने कितनी भी मिट्टी उछाल लो, वो खुद पर ही गिरती है, सूरज की रौशनी पर फर्क नहीं पड़ता. अमित शाह ने कहा कि आरोप लगाने वाले के चरित्र को भी जनता देखती है. जो चोर हैं वही चौकीदार से डरते हैं।

मुझे एक घटना का स्मरण हो रहा है। एक चोर चोरी करके भाग रहा था उसे पकडऩे के लिये कुछ लोग उसके पीछे चोरचोर पकड़ोपकड़ो कहते हुए भाग रहे थे। चोर ने भी बड़ी चालाकी से चोरचोर चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे लोग भ्रमित हो गये कि कौन चोर है?  

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस को राफेल डील के मुद्दे पर संसद में चर्चा करने की चुनौती दे डाली. अमित शाह ने कहा, ‘राफेल डील के मुद्दे पर सदन में चर्चा को तैयार हैं. कांग्रेस को मैं चैलेंज कर रहा हूं, सदन में चर्चा से क्यों भाग रही है कांग्रेस

अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘क्या सदन में चर्चा नहीं होगी कि जेपीसी की जरूरत है कि नहीं या कांग्रेस अध्यक्ष तय कर लेंगे, क्या हंगामा कर सदन ही बंद करवाएगी कांग्रेस

कांगे्रस सोचती है कि पार्लियामेंट या सुप्रीम कोर्ट कुछ भी नही है। जो कुछ है वह नेहरूगांधी परिवार ही है अर्थात जनपथ ही है।

अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बारी अमित शाह की थी. शाह ने कांग्रेस को सदन के भीतर राफेल मुद्दे पर चर्चा कराने की चुनौती देकर कांग्रेस को बैकफुट पर डालने की कोशिश की है. बीजेपी को राफेल पर राहत मिलना पार्टी के लिए संजीवनी का काम किया है. यह संजीवनी इसलिए बड़ी है, क्योंकि, बीजेपी तीन दिन पहले आए विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद अभी उस हार से उबर रही थी. पार्टी अपने नेताओं के साथ बैठक कर हार के कारणों की समीक्षा कर रही है. ऐसे वक्त में राफेल पर सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत ने बीजेपी को फिर से कांग्रेस पर पलटवार का मौका दे दिया है.

यह बात अभी  तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के निर्णय  लेने में भी स्पष्ट हो गया है। राहुल गांधी ने उक्त निर्णय लेने के लिये अपने परिवार के अन्य दो प्रमुख सदस्य सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा को बुलाया था।

राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी के लिए संजीवनी दे दी है

राहुल गांधी ने देश के चौकीदार को चोर बताकर लगातार चुनावी रैलियों में राफेल के मुद्दे को गरमाया था. अब तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही कांग्रेस की तैयारी लोकसभा चुनाव तक इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने की है, क्योंकि राहुल गांधी को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साफसुथरी छवि को ध्वस्त कर आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी को मात दी जा सकती है.

राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ लगी याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज और अगस्ता वेस्टलैंड पर पलटवार में लगी बीजेपी राफेल पर फैसले के बाद अब सदन में कांग्रेस को घेरने की तैयारी हो रही है.कोशिश संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे पर कांग्रेस को बेनकाब करने की है. बीजेपी को लगता है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने की कांग्रेस की कोशिश परवान नहीं चढ पाएगी.

मोदी सरकार पर तो सुप्रीम कोर्ट को शक है और ही पीएम मोदी की नीयत पर कांग्रेस के सहयोगी एनसीपी क्षत्रप शरद पवार को…      ्रकांग्रेस ने सोचा नहीं होगा कि जिस राफेल डील के मुद्दे पर सवार हो कर उसने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की कारपेटबॉम्बिंग की वो ही मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में इस तरह ज़मीदोज़ हो जाएगा. राफेल डील की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तो राफेल सौदे में कोई संदेह है और ही राफेल की गुणवत्ता पर कोई सवाल. सीजेआई की बेंच ने कहा कि वो राफेल डील की प्रक्रिया को लेकर संतुष्ट हैं.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कांग्रेस को 3 राज्यों में मिली जीत का जायका बिगाड़ सकती है. कांग्रेस ने राफेल डील का चुनाव प्रचार मेंबोफोर्सतोपÓ की तरह इस्तेमाल किया था. साल 2019 के लिए भी इसी मुद्दे पर देशभर में एक धारणा बनाने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसी धारणा को ध्वस्त कर दिया