मध्य प्रदेश में कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. बहुत ही कम ऐसे मौके होते हैं जब पद छोड़ने वाला दूसरी पार्टी का कोई मुख्यमंत्री नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे. लेकिन सोमवार को भोपाल में मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला. न सिर्फ शिवराज सिंह चौहान वहां मौजूद रहे बल्कि उन्हें मंच पर भी बुलाया गया. मंच पर पहुंचकर शिवराज ने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हाथों में हाथ लेकर फोटो भी खिंचवाई.
कमलनाथ का शपथ ग्रहण समारोह उस दिन था, जिस दिन सज्जन कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सिख विरोधी दंगे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई. बता दें कि बीजेपी ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध किया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था, “सिख विरोधी दंगों के मामले में जिस दिन कोर्ट का फैसला आया है उसी दिन एक ऐसा व्यक्ति मुख्यमंत्री बनने जा रहा है जिसे सिख समुदाय दंगों का दोषी मानता है.” हालांकि, कमलनाथ ने अपना बचाव करते हुए कहा कि इस मामले में न उनके खिलाफ कोई एफआईआर है न ही कभी कोई आरोपपत्र दाखिल किया गया. कमलनाथ ने कहा, “मैंने 1991 में शपथ ली थी और दिल्ली का इंचार्ज भी रहा हूं लेकिन यह मुद्दा उस वक्त नहीं उठाया गया. इसलिए आप सभी जानते हैं कि यह मुद्दा अब क्यों उठाया जा रहा होगा.” इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की कर्जमाफी के बारे में बात शुरू कर दी. उन्होंने कहा, ‘पद ग्रहण करते ही मैंने दो लाख तक के लोन माफ कर दिए.’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार उद्योगपतियों के तो 50 से 60 फीसदी तक के लोन माफ कर देती है लेकिन कर्ज चुकता न कर पाने की स्थिति में किसानों के खिलाफ के खिलाफ एफआईआर कर देती है.
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