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Editorial :- विवादों से घिरे प्रियंका का नया घर देखने छुट्टियां मनाने शिमला पहुंचे राहुल के पीछे राहू- केतु

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22 December 2018

लगातार हार देखते राहुल गांधी पिछले विधानसभा चुनाव में राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विजय प्राप्त
करने पर बहुत ही उत्साहित थे। वे सोच बैठे थे कि प्रधानमंत्री बनने का उनका सपना सफल होने ही वाला है।
लगता है तीन विधानसभा चुनाव में किसानों के कर्जमाफी का मुददा उछालकर सफलता का जो रातों-रात वटवृक्ष
तैय्यार किया था वह धराशाई हो गया है और कांग्रेस के तले की धरती कुछ हिलने लगी है। यह राजीव गांधी के १९८४
में दिये हुए वक्तव्य को याद दिलाता है।
चुनाव की थकान मिटाने छुट्टियां मनाने राहुल गांधी विवादों से घिरे प्रियंका का नया घर देखने शिमला पहुंचे हैं।
परंतु लगता है कि वहॉ पहुंचना उनके लिये शुभदायक नहीं रहा। राहू-केतु का प्रकोप उन पर होना प्रारंभ हो गया है।
उनके जाने के ठीक पूर्व अपशकुन हो गया था।१९८४ सिक्ख नरसंहार पर दिल्ली के पटियाला हाऊस कोर्ट का आदेश
पास हुआ था जिसमें कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
इस अपशकुन को नजर अंदाज करते हुए राहुल गांधी पिं्रयंका के नए घर शिमला पहुंच गये।
इसके बाद भी राहु-केतु का प्रकोप उन पर लगातार जारी है।
आज का ही घटनाक्रम लें
>> ्रछ्वरु-गांधी परिवार को झटका, 2 हफ्ते में खाली करना होगा हेराल्ड हाऊस। कोर्ट ने एजेएल की अर्जी खारिज
करते हुए दो सप्ताह के भीतर हेराल्ड हाउस खाली करने का नोटिस दिया है।
>> सोहराबुद्दीन और प्रजापति एनकाउंटर केस में उम्मीद थी कि कांग्रेस अमित शाह तथा अन्य भाजपा नेताओं
को फंसा सकेगी।
गुजरात के चर्चित सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति कथित फेक एन्काउंटर मामले में आज मुंबई की विशेष
सीबीआई अदालत अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया
है।कोर्ट के अनुसार आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, जिसके चलते इन्हें रिहा किया जा रहा है।
राहुल गांधी और केजरीवाल गठबंधन में बंधने वाले थे आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर।

इसी उद्देश्य से केजरीवाल ने अपने मंत्री संजय सिंह को राजस्थान में गहलोत के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के
समारोह में शामिल होने भेजा था। परंतु ठीक उसके उपरांत संजय सिंह को कोर्ट के आर्डर से उम्रकैद की सजा हुई।
उसका असर दिल्ली में होते देख आप पार्टी ने अपना कोई प्रतिनिधि मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद के
शपथ लेने के समारोह में नहीं भेजा।
दिल्ली में ही कमलनाथ को १९८४ के सिक्ख विरोधी दंगे भड़काने में सम्मिलित होने के विरोध में उग्र आंदोलन हुआ
था। उनकी फोटो पर जूते की माला ही नहीं पहनाई गई बल्कि उनकी फोटो को चप्पलों से बार-बार पीटा भी गया।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि सिक्ख विरोधी दंगों में कमलनाथ का हाथ होने के आरोप के चलते पंजाब विधानसभा
चुनाव के समय उन्हें कांग्रेस के प्रभारी पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा था।
बावजूद इसके कांग्रेस के उच्च नेतृत्व द्वारा उन्हें मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। अब लगता है कि उन्हें
भी अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ेगा।
>> आज का सबसे बड़ा और सबसे अधिक चर्चित समाचार है :
राजीव गांधी को मिले 'भारत रत्नÓ को वापस लेने की मांग का प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा में हुआ पास।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि दिल्ली राज्य में आप पार्टी का शासन है। केजरीवाल वहॉ के मुख्यमंत्री है।
इससे स्पष्ट है कि दिल्ली में भी अब कांग्रेस पार्टी का आप पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लडऩा आगामी लोकसभा
चुनाव के लिये संभव नहीं।
यदि पिछले दस दिनों के घटनाक्रमों पर हम दृष्टि डालें तो हमें प्रतीत होगा कि कांगे्र्रेस द्वारा तीन विधानसभा चुनाव
में विजय प्राप्त करना एक प्रकार से अपशकुन ही है राहुल गांधी के लिये।
इस अपशकुन का संकेत छुट्टियां मनाने प्रियंका गांधी वाड्रा के नए घर शिमला पहुंचे राहुल गांधी के बाद आज के
घटनाक्रम से भी मिलता है।
राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं को राहु और केतु के प्रकोप से बचने का कुछ उपाय ढूंढना चाहिये।
हमारी दृष्टि से उचित यही रहेगा कि कांग्रेस भारत की सेना का, सेना प्रमुख का अपमान करना बंद करे।
नसरूद्दीन शाह को पुन: धर्म के आधार पर लोगों को भड़काने वाले वक्तव्य दिलवाना बंद करे। बिहार विधानसभा
चुनाव के समय आमिर खान से भी इसी प्रकार का वक्तव्य दिलवाया गया था उसके कारण से उन्हें भाजपा को वहॉ
हराने में सफलता मिली। परंतु काठ की हंडी बार-बार नहीं चढ़ती।/