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Editorial :- कांग्रेस मुक्त भारत के एजेंडे पर चल रहे हैं केसीआर

28 December 2018

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए विपक्षी दलों ने तैयारियां शुरु कर दी हैं. एक और कांग्रेस के साथ कुछ विपक्षी दल महागठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, कुछ विपक्षी दल इससे अलग राय रखते हुए कांग्रेस और बीजेपी से अलग क्षेत्रीय पार्टियों (क्षत्रप) को एकत्रित करने में लगे हैं. इन सबके बीच बीजेपी और कांग्रेस की गैरमौजूदगी वाले क्षेत्रीय दलों का गठजोड़ (तीसरा मोर्चा) बनाने की कवायद को आगे बढ़ाने के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव दिल्ली २६ दिसंबर को पहुंचे थे।

>> दिल्ली में उन्हें सकारात्मक रिस्पांस मिला। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके प्रयास का समर्थन किया।

>> इस दौरान उनकी एसपी, बीएसपी सहित समान विचारधारा वाले अन्य दलों के नेताओं से मिलने की योजना है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर राव ने सोमवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं बीजू जनता दल (बीजेडी) के अध्यक्ष नवीन पटनायक से मुलाकात की थी।

>  तेलंगाना राज्य में हुए विधानसभा के चुनावों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अपने इरादे जताने शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि 4 विधान परिषद सदस्यों को अपने खेमे में शामिल करने बाद अब कुछ विधायकों को भी तेलंगाना राष्ट्र समिति के पाले में लाना चाहते हैं।

>> रिपब्लिकसी वोटर्स नेशनल एप्रूवल रेटिंग    के अनुसार तेलंगाना की सभी १७ लोकसभा सीटों पर चंद्रशेखर राव की टीआरएस विजय हासिल कर सकती है।

>> पश्चिम बंगाल में भी कांगेे्रस और वामपंथी दलों का जनाधार खिसक चुका है। इन्हें पीछे ढकेलते हुए भाजपा वहॉ टीएमसी के बाद दूसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है।

चंद्रशेखर राव के थर्ड फ्रंट बनाने के प्रयास का तात्पर्य है कि पश्चिम बंगाल को भी टीएमसी से मिलकर कांग्रेस मुक्त करना।

>> ओडिशा में भी जो सर्वे आए हैं उसके अनुसार कांगे्रस आगामी लोकसभा चुनाव में कोई सीट प्राप्त नहीं करेगी अर्थात ओडिशा भी कांग्रेस मुक्त।

>> उत्तरप्रदेश में तो मायावती और अखिलेश दोनों ही चंद्रशेखर राव के सहायक हो सकते हैं। इस प्रांत को भी कांग्रेस मुक्त करने में।

>> तीन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजय प्राप्त करने के उपरांत हुए रिपब्लिकसीवोटर सर्वे के अनुसार एनडीए को २०१९ में २४७ सीटों पर विजय प्राप्त हो सकती है।

>> थर्डफ्रंट चंद्रशेखर राव जो बनाने जा रहे हैं उन्हें १२५ से अधिक सीटें प्राप्त हो सकती है।

स्पष्ट है कि थर्ड फं्रट २०१९ के चुनाव के उपरांत किंग मेकर का रोल अदा कर सकता है।

अभी आचार संहिता लागू होने में महीने का वक्त है। इन दो महीनों में मोदी सरकार किस प्रकार से अपने पक्ष में जनता को कर सकती है यह देखना बाकी है।

इसी प्रकार से यह भी दिनप्रतिदिन देखा जायेगा कि राहुल गांधी के प्रयास उन्हें ४४ से तो अधिक सीटें दिला देंगे परंतु क्या वे कांगे्रस को सौ से अधिक सीटें भी दिला सकेंगे।

फिर यह भी देखा जाना शेष है कि एनडीए और यूपीए में कौन क्षेत्रिय दल किधर जाता है किधर नहीं। अभी तो अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।

अधिक संभावना इसी की है कि जिस प्रकार से पीएम नरेन्द्र मोदी भारत को कांग्रेस मुक्त का नारा दिये हैं उस उद्देश्य की पूर्ति में थर्डफं्रट कुछ विशेष शर्तांें के साथ सहायक हो।