केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक संघों के पदाधिकारियों व अन्य शिक्षकों ने निराशाजनक बताया। कर्मचारी वर्ग से जुड़े मुद्दों के साथ ही शिक्षा को लेकर भी उनका यही राय है।
शिक्षा जगत के लिए इस बजट में कुछ भी खास नहीं है। अधोसंरचना, शिक्षकों के उत्थान और नए शैक्षणिक संस्थान को लेकर उम्मीदें थीं कि समय की मांग को देखते हुए उसकी व्यवस्था की जाएगी, लेकिन बजट में इसका कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है। साथ ही शासकीय कर्मचारियों की नजरें टैक्स स्लैब को लेकर टिकी होती हैं, लेकिन यह पूर्व की भांति है।
कोरोना महामारी के कारण महंगाई भत्ता पर लगे रोक को हटाने, आयकर छूट की सीमा में वृद्धि किए जाने एवं अपने मजबूती के समय को शासकीय सेवा में लगाने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृत्त के बाद सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली की अपेक्षा थी, लेकिन इसमें से किसी में मामले में राहत नहीं दी गई।
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