कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अथक प्रयासों से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के केंद्रीय बजट प्रस्ताव पदाधिकारियों ने स्वागत किया है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा कि कैट पिछले कई कई महीनों से सरकार के साथ ई कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा कसने का आग्रह कर रहा था। इसके अंतर्गत यह एक बड़ा कदम है। अब इसी प्रकार से अन्य कई कदम उठाए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री इस के लिए धन्यवाद के पात्र हैं।
अमर पारवानी ने कहा इस प्रावधान को बजट में वित्त अधिनियम, 2016 की धारा 163 उप खंड (3), धारा 164 खंड (सीबी), धारा 165 उप खंड (3) और खंड (ख) में संशोधन का प्रस्ताव करके बनाया गया है। ये प्रावधान 1 अप्रैल 2020 की पिछली तारीख से लागू होंगे। केवल अमेजॅन और फ्लिपकार्ट ही नहीं, बल्कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, जूम और अन्य ऐसी विदेशी कंपनियां, जो किसी भी ऑनलाइन माध्यम के माध्यम से सामानों की बिक्री या सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई हैं, इस प्रावधान के दायरे में आएंगी। और उन्हें 1 अप्रैल, 2020 से 2 प्रतिशत अतिरिक्त कर का भुगतान करना होगा। सरकार का यह एक बड़ा और साहसिक कदम है, जिसका देश भर के व्यापारियों ने हार्दिक स्वागत किया।
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