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मनरेगा कार्यक्रम के तहत लेमनग्रास व हल्दी जैसी फसलों का केवीके के तकनीकी मार्गदर्शन में हो रहा उत्पादन

भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवेलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में 1 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित ट्राइब्स इंडिया आदि महोत्सव में कोरिया जिले ने कृषि उत्पादों के साथ अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की है। 1 से 15 फरवरी तक चल रहे आदि महोत्सव में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री विजय कुमार एवं इंजि. कमलेश कुमार सिंह के साथ कोरिया जिले के आदिवासी दो कृषक भी सम्मिलित हुए है।
     कलेक्टर श्री एसएन राठौर के नेतृत्व में जिला प्रशासन के सहयोग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के तकनीकी मार्गदर्शन में गठित किसान उत्पादक संगठन, कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड में सम्मिलित आदिवासी कृषकों से कच्चे कृषि उत्पादों, उद्यानिकी, संगध उत्पादों, मधुमक्खी पालन, देशी गाय का दूध इत्यादि को संग्रहण कर कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के माध्यम से स्थापित विभिन्न मूल्यवर्धन एवं प्रसंस्करण इकाइयों में शुद्ध एवं देशी उत्पाद तैयार किये गए हैं। इन उत्पादों में देशी सुगंधित चावल (जीराफुल, रानीकाजल, लोहन्दी, लालू) देशी चावल- (केतकी, छिन्दमौरी, करहनी, खिरासार, नरपती) देषी दाल (अरहर, चना, कुल्थी, मूंग, मसूर इत्यादि) प्राकृतिक शहद- (करंज, जंगली वन तुलसी, सरसों) संगध तेल-(लेमनग्रास, सेट्रोनेला, पामारोजा) लेमनग्रास चायपत्ती, हस्त निर्मित साबुन- (लेमनग्रास एवं सिन्दुर, लेमनग्रास एवं हल्दी, पामारोजा एवं सिन्दुर, पामारोजा एवं हल्दी), अगरबत्ती-(लेमनग्रास एवं सेट्रोनेला), शकरकन्द आटा, देशी गाय का ए-टू घी, सूखा मशरूम एवं  मशरूम पावडर इत्यादि उत्पाद शामिल हैं। उत्पादों की सुन्दर आकर्षक पैकिंग कर गुणवत्ता प्रमाणीकरण के साथ भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ मर्यादित (जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार) के द्वारा नई दिल्ली में 1 से 15 फरवरी तक चलने वाले आदि महोत्सव में देश भर से आये नागरिकों के समक्ष प्रदर्शन एवं विक्रय हेतु उपलब्ध हो रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा जिले के आदिवासी किसानों को कृषि की नवीन तकनीकों एवं आमदनी के नए साधन उपलब्ध कराने तथा परम्परागत कृषि के साथ ही अन्य फसलों की कृषि के रूप में मनरेगा योजना के पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के तहत खाली भूमि पर लेमनग्रास एवं हल्दी जैसे फसलों के उत्पादन हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।