Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

औषधीय गुणों से भरे ब्लैक राइस की खेती की ओर किसानों का बढ़ रहा रूझान

हम अक्सर चावल को सफेद रंग में देखे और खाते आ रहे हैं। अगर काले रंग का चावल कहीं मिले तो चौंकिए मत। अब धमतरी जिले के किसान भी इसे उगा रहे हैं। औषधीय  गुणों से लबरेज जैविक पद्धति से तैयार किए जाने वाले इस चावल को प्रदेश में सबसे पहले धमतरी जिले के परसवानी निवासी उत्कृष्ट किसान श्री गजेन्द्र चन्द्राकर ने असम से मंगाकर उसके बीज को राज्यभर में फैलाया। वर्ष 2017-18 में पहली बार आत्मा योजना के तहत कुरूद के हतबंध में 15 एकड़ में ब्लैक राइस की प्रदर्शनी लगाई गई। गौरतलब है कि 2018-19 में जिले में औषधीय गुणयुक्त ब्लैक राइस (कृष्णम) के अलावा महाजिंक, मधुराज 55 और लोहन्दी की आत्मा योजना के तहत कृषकों के खेतों में प्रदर्शनी लगाई गई। एक ओर जहां जैविक पद्धति से लगाई गई इन फसलों में ब्लैक राइस 70 एकड़ के क्षेत्र में बतौर प्रदर्शन लगाया गया। वहीं 35 एकड़ के क्षेत्र में मधुराज 55, महाजिंक 27 एकड़ में और 8 एकड़ में लोहन्दी (जिंक) की प्रदर्शनी किसानों के खेत में लगाई गई। किसानों ने तैयार उत्पाद को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रदर्शनियों में ले जाकर इसे एक नई पहचान दिलाई।
इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में वर्ष 2019 को राजधानी रायपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता कृषक सम्मेलन में जिले के कुरूद स्थित ओजस्वी कृषक उत्पादक संगठन और कृषक श्री रामलाल भतपहरी तथा श्री थनेन्द्र साहू ने 110 क्विंटल ब्लैक राइस का सम्मेलन में आए निर्यातक से अनुबंध किया। इसमें प्रति किलो ब्लैक राइस का दर 100 रूपए तय हुआ। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2019-20 में आत्मा योजना के तहत कृषक प्रदर्शन के तौर पर 30 एकड़ में ब्लैक राइस की फसल लगाई गई। जिले के किसानों से गुड़गांव की एक निजी कंपनी ने ब्लैक राइस सात हजार रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा। हाल ही में हतबंध में लाभांश वितरण का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां ब्लैक राइस की खेती कर रहे युवा कृषक अभिरूचि समूह के किसानों को उनके द्वारा बेचे गए चावल का लाभांश मिला। उन्हें प्रति क्विंटल एक हजार रूपए का लाभांश निजी कंपनी के द्वारा दिया गया। दरअसल उक्त कंपनी की योजना है कि मुनाफा होने पर किसानों को उनके द्वारा बेचे गए चावल का 33 प्रतिशत की लाभांश राशि दी जाएगी। इसके तहत समूह के कृषक श्री थनेन्द्र साहू, श्री केजूराम देवांगन, श्री लोकेश साहू, श्री हरीश साहू और श्री राजेश डोटे को कुल तीस हजार रूपए बतौर लाभांश मिला।
    युवा कृषक अभिरूचि समूह के किसान हतबंध निवासी श्री केजुराम देवांगन कहते हैं कि धान का कटोरा कहे जाने वाले प्रदेश में किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचते हैं। अगर यह औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस किसान उगाने लगे तो उन्हें तीन गुणा ज्यादा मुनाफा होने की संभावना है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया है कि वे जैविक पद्धति से तैयार किए जाने वाले ब्लैक राइस की खेती कर अपने आय में वृद्धि करें। वहीं कृषक श्री हरीश साहू हर्ष व्यक्त करते है कि जैविक पद्धति से तैयार किए गए इस फसल से आय में बढ़ोत्तरी तो होती है, साथ ही पर्यावरण को जैविक खेती से प्रदूषित करने से बचाया जा सकता है। उपभोक्ताओं को औषधीय गुण वाले ब्लैक राइस उपलब्ध कराकर उन्हें एक अलग प्रकार की आत्मीय संतुष्टि भी मिलती है।