छत्तीसगढ़ जन कल्याण समिति के प्रदेश स्तरीय चिकित्सा संगोष्ठी कार्यक्रम तीन फरवरी को आज नीर भवन के सभागृह हाल में हुआ। संगोष्ठी में मुख्य रूप से नेशनल डेवलपमेंट ऑफ आयुष मेडिकल साइंस रुलर इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.एमके कौशल उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक वैज्ञानिक एवं पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। इसके प्रभाव स्वरूप स्वयं इसकी औषधियां हैं, जो कि हानिरहित वनौषधि जगत से वैज्ञानिक विधि से ही औषधिकृत/निर्मित होने के बाद अस्वस्थ मानव पर प्रयोग कर आरोग्य प्रदान करती हैं।
जहां तक पूर्णता का प्रश्न है, तो एक चिकित्सा पद्धति के पूर्णता के लिए तीन बातों का होना आवश्यक है। पहला उसके अपने सिद्धांत, दूसरा उसका अपना मटेरिया मेडिका और तीसरा उसकी अपनी फॉर्मेन्सी एवं उनकी स्वतंत्र प्रयोग विधि। उपयुक्त सभी बातें इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा में है। इस पैथी का प्रचार-प्रसार एवं मान्यता में चिकित्सकों, शिक्षाविद व छात्रों की सहभागिता महत्वपूर्ण है।
कौशल ने कहा कि सभी इलेक्ट्रो होम्योपैथी से संबंधित लोग अनुसंधान पूर्ण कर प्रैक्टिस करके आसान और लाभदायक चिकित्सा पद्धति के शासकीय मान्यता के लिए मिलकर प्रयास करेंगे। इसके इसके बाद इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज रायपुर के प्राचार्य डॉ. अशोक दुबे ने चिकित्सा पद्धति से जुड़े मान्यता व कानूनी सवालों का जवाब दिया। तत्पश्चात समिति के संरक्षक डॉ. गजपाल ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के विकास और मान्यता के लिए संगठन के द्वारा किए गए संघर्ष और गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
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