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ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी ने भारत विरोधी ट्वीट को किया लाइक

05 feb 2021 article

किसी ने सही ही कहा है, विनाश काले विपरीते बुद्धि, यानि जब आपका विनाश निश्चित हैं, तो आपकी बुद्धि पहले ही सही दिशा में काम करना बंद कर देती है। कुछ ऐसा ही अब हो रहा है ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी के साथ, जिन्होंने खुलेआम भारत विरोधी ट्वीट्स को समर्थन देकर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है।

अभी हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा किये गए इंटरनेट निलंबन को लेकर रिहाना नामक गायिका ने ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन में पोस्ट किया, जिसपर रिहाना को पूरे देशभर से आलोचना का सामना करना पड़ा। लेकिन इस पूरे प्रकरण की सच्चाई तब सामने आई जब वाशिंगटन पोस्ट की ग्लोबल ओपिनियन संपादक कैरेन अटियाह (Karen Attiah) के ट्वीट्स को एक के बाद एक लाइक कर जैक डोर्सी ने भारत के प्रति अपनी घृणा जगजाहिर की।

एक ट्वीट में Karen Attiah  लिखती हैं, “रिहाना ने हिन्दुस्तानी सरकार को हिलाकर रख दिया है। एल्बम की किसे जरूरत हैं जब आप शोषितों के हक में आवाज उठा सकती हैं”।

लेकिन ये तो बस शुरुआत थी। Karen Attiah ने आगे ये भी ट्वीट किया, “रिहाना ने सूडान, नाइजीरिया, म्यांमार और अब भारत में सामाजिक न्याय के लिए लड़े जा रहे आंदोलनों के लिए अपनी आवाज उठाई है। वह सच्ची मनुष्य हैं”।

इन सभी ट्वीट्स में दो बातें समान हैं – यह भ्रामक तथ्यों को बढ़ावा देती हैं, और इन्हें लाइक कर जैक डोर्सी इन भ्रामक तथ्यों को अपना समर्थन दे रहे हैं। भारतीयों के आक्रोश को ‘भारतीय सरकार की असहजता’ बताकर Karen Attiah  न सिर्फ भारतवासियों का अपमान कर रही हैं, बल्कि अराजकतावादियों को ‘देवता’ सिद्ध करने पर तुली हुई हैं।

लेकिन इन ट्वीट्स को लाइक कर जैक आखिर क्या सिद्ध करना चाहते हैं ? जिस प्रकार से भारत सरकार के दिशानिर्देश की ट्विटर ने अवहेलना करते हुए सभी निलंबित अकाउंट बहाल कर दिए, और जिस प्रकार से जैक.. कैरेन जैसे भारत विरोधियों के भ्रामक ट्वीट्स को बढ़ावा दे रहे हैं, उससे वे मानो भारत सरकार, खासकर पीएम मोदी को खुली चुनौती दे रहे हैं – हम अपनी मनमानी करते रहेंगे, आपको जो करना कर लीजिए।

वैसे भी ये कोई हैरानी की बात नहीं है। जो व्यक्ति ट्विटर इंडिया और कुछ वामपंथी हस्तियों के साथ मिलकर “#SmashBrahminicalPatriarchy” जैसे जातिवादी प्लेकार्ड पकड़ सकते हैं, उस व्यक्ति के लिए ऐसे भारत विरोधियों का समर्थन करना कोई नई बात नहीं।

लेकिन यहीं पर जैक डोर्सी ने एक बहुत भारी भूल की है। अपने घमंड में वे उस व्यक्ति को कमतर आंक रहे हैं, जिन्होंने टिक टॉक जैसे प्रभावशाली एप को भारत से बाहर खदेड़ने में ज़रा भी समय नहीं दिखाया। केंद्र सरकार ने हाल ही में ये स्पष्ट किया कि सरकार के निर्देश का उल्लंघन कर ट्विटर अपनी सीमाएँ लांघ रहा है, और कानूनी कार्रवाई के लिए भी उसे तैयार रहना चाहिए।  जैक यह भी भूल रहे हैं कि यदि ट्विटर को भारत से बाहर खदेड़ा गया, तो ट्विटर के लिए अपना अस्तित्व बचाना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि भारत जितना बड़ा मार्केट ट्विटर को शायद ही कहीं और मिलेगा, और चीन में तो वैसे ही ट्विटर प्रतिबंधित है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत विरोधी ट्वीट्स को समर्थन देकर जैक डोर्सी ने अपने ही विनाश को निमंत्रित किया है।