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Editorial :- कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश भी ऑपरेशन लोटस?

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16 January 2019

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश में भी ऑपरेशन लोटस की टाईमिंग तलाश रही है भाजपा।

निर्दलीय दो विधायकों द्वारा कांग्रेस जेडीएस की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद कनार्टक में भूचाल सा गया है।  

सोचिये यदि मध्यप्रदेश में निर्दलीय विधायकों द्वारा यदि वहॉ की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिये जाये तो क्या स्थिति होगी।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सत्तारूढ़ होने के तुरंत बाद ही ऐसी स्थिति बनी थी कि भाजपा वहॉ पुन:  सत्तारूढ़ हो सकती थी। निदर्लीय विधायक भी समर्थन देने को तत्पर थे।  सपा और बसपा के विधायक तो मंत्री बनाएं जाने से नाराज थे ही।

भाजपा के दो दिग्गज नेता खुले आम कमलनाथ सरकार को गिराने की चेतावनी भी देते रहे हैं। भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव भी कह रहे हैं कि जब तक मंत्रियों के बंगले पुतेंगे कांग्रेस सरकार गिर जाएगी।

भाजपा हाईकमांड ने कांगे्रस सरकार को गिराने की तत्परता दिखाने की सलाह मध्यप्रदेश के भाजपा नेतृत्व को दी थी। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि बस हाईकमान को छींक जाएं, बॉस का इशारा हो जाए, कमलनाथ सरकार पांच दिन में गिरा देंगे।

यदि तुरंत उस समय निर्णय गिराने का ले लिया होता तो भाजपा को बदनाम करने का मौका कांग्रेस को मिल जाता। इसलिये टाईमिंग की तलाश थी भाजपा को।

अब आपरेशन लोटस की टाईमिंग गई है।  

भाजपा नेताओं की ओर से रही इन खुलेआम चेतावनियों ने कमलनाथ सरकार को लेकर संशय का माहौल पैदा कर दिया है. 114 विधायकों के साथ सत्ता पर काबिज हुई कांग्रेस बहुमत से दो नंबर कम है. सपा और बसपा के 3 विधायक और 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वो अपनी सरकार बना पाई है।

इधर कर्नाटक बीजेपी के भी 104 विधायकों को गुडग़ांव के नज़दीक होटल ढ्ढञ्जष्ट ग्रैंड भारत में रखा गया है. दिल्ली आए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को बात कर कांग्रेस पर जोड़ तोड़ का आरोप लगाया और कहा कि वो उनके कुछ विधायकों को मंत्री पद और दूसरी चीज़ों का लालच दे रहे हैं.

मीडिया में इस तरह की खबर आई थी कि कांग्रेस विधायक भाजपा में जाने के लिए तैयार हैं और कुछ विधायकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है जिसके बाद सरकार को खतरे की संभावना के कयास लगाए जाने लगे थे।

ऑपरेशन कमलÓ का जिक्र 2008 में भाजपा द्वारा विपक्ष के कई विधायकों का दल बदल करवाकर तत्कालीन बी एस येदियुरप्पा सरकार की स्थिरता सुनिश्चत कराने के लिए किया जाता है.  

कर्नाटक में सात महीने पुरानी कुमारस्वामी सरकार से दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कुछ देर बाद केंद्रीय मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने मंगलवार को यहां कहा कि राज्य में अगर कांग्रेसजद एस की गठबंधन सरकार गिर जाती है तो भाजपा सरकार बनाने का दावा करेगी.

दोस्ती टूटने के कगार पर

गौड़ा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार विवादों के कारण गिर जाएगी और कांग्रेसजद एस कीमित्रताÓ ‘टूट के कगारÓ पर है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ”यह दोस्ती टूटने के कगार पर है. यह तलाक का समय है. 37 सीटों वाली पार्टी ने सरकार बना ली है. कलह के कारण यह खुद ही खत्म हो जाएगी. अगर सरकार गिरती है तो निश्चित तौर पर हम सरकार बनाएंगे.