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राकेश टिकैत कहते हैं कि किसानों को कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए 2 अक्टूबर तक का समय दिया गया है

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 70 दिन हो गए हैं, फिर भी सरकार और किसानों के बीच तनातनी के कोई संकेत नहीं हैं। चल रहे किसानों का विरोध 2 अक्टूबर को भी बढ़ सकता है, अगर सरकार ‘काला खेत’ को नहीं बचाती है कानून, भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने कहा। बीकेयू नेता ने शनिवार को कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को दो अक्टूबर तक का समय दिया है, ताकि वे चल रहे कृषि कानूनों को हल कर सकें, यह कहते हुए कि किसान तब तक अपने घरों में नहीं लौटेंगे जब तक उनकी मांगों को नहीं सुना जाता है और तीन नए कृषि कानूनों को रद्द कर दिया जाता है। गाजीपुर के विरोध स्थल पर बोलते हुए टिकैत ने कहा, “हमने सरकार को कानूनों को निरस्त करने के लिए 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ विचार-विमर्श नहीं करेंगे। उन्होंने फसल खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कानून बनाने की भी मांग की। 3 घंटे तक चक्का जाम, हिंसा की कोई घटना नहीं किसानों की यूनियनों ने आज देश भर में दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच तीन घंटे का ‘चक्का जाम’ किया। पुलिस ने अपने सुरक्षा उपायों को तेज कर दिया था और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली और अन्य राज्यों में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कर्मियों को तैनात किया था। कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग को लेकर सरकार और प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच ग्यारह दौर की वार्ता हो चुकी है। सरकार ने लगभग 18 महीनों के लिए नए कृषि कानूनों को लागू करने की पेशकश की थी।

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