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Editorial :- प. बंगाल और मुंबई कांग्रेस में हुई दरार का असर अन्य प्रांतों मेें भी

6 February 2019

प्रत्यार्पित आर्थिक अपराधी लोकसभा चुनाव में   मुसीबत बनेंगे भ्रष्ट विपक्षी पार्टियों के नेताओं के लिये  

मुंबई कांगे्रस के नेता मिलिंद देवड़ा के ट्विट के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मुंबई कांग्रेस में दरार है।

इसी प्रकार से बंगाल कांगे्रस जहॉ एक ओर ममता बैनर्जी के धरने का विरोध करते रही है औश्र वहॉ पर राष्ट्रपति शासन की मांग करती रही है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी अपने हाथ से अपनी कांग्रेस के  हाथ से ममता बैनर्जी के चीट फंड घोटाले को ढ़कने का प्रयास कर रहे हैं।

मुंबई और बंगाल की कांग्रेस की इस अंदरूनी लड़ाई का असर कांग्रेस के कांग्रेस प्रभावित अन्य प्रांतों में भी पड़ेगा।

अभी कुछ आर्थिक अपराधी और रक्षासौदों के  बिचौलियों का प्रत्यार्पण भारत में हुआ है। इनमें प्रमुख हैं क्रिस्चियन मिशेल और उसके बाद राजीव सक्सेना तथा दीपक तलवार।

अब ये भी समाचार प्राप्त हुआ है कि यूके के गृहमंत्री ने विजय माल्या के प्रत्यार्पण की भी स्वीकृति दे दी है।

निकट भविष्य में नीरव मोदी और उनके मामा   मेहुल चोकसी को भी घसीटकर भारत लाया जा सकता है।

ये सब कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के लिये लोकसभा में मुसीबत का कारण बनेंगे।

तीसरी बात आज के समाचारों से यह भी उभर कर आती है कि जेएनयू के भूतपूर्व छात्र नेता जिन पर देशद्रोह की चार्जशीट दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई है उसे दिल्ली सरकार केजरीवाल की सरकार स्वीकृति नहीं दे रही है।

इसलिये अब दिल्ली पुलिस देशद्रोह के अलावा अन्य धाराओ पर मुकदमा चलाने के लिये कोर्ट से  अनुमति लेना चाह रही है।

ऐसा करने से यदि अन्य धाराओ पर भी मुकदमा चलते रहा तो इसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।

केजरीवाल, राहुल गांधी तथा वामपंथी नेता  जेएनयू में आजादी के नारे लगाने वाले छात्र नेताओं की पीठ थपथपाने पहुंच गये थे और लगातार उनके पक्ष में खड़े रहे हैं इससे उनकी छिछालीदर होने वाली है और जनता आरोपित छात्र नेताओं के जैसे ही उक्त विपक्षी नेताओं को भी देशविरोधी समझेगी।

अब यह तो समय ही बतायेगा कि इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेता अपनी क्या रणनीति बनाएंगे?