नए सैटेलाइट SD SAT का निर्माण करने वाली चेन्नई (Chennai) आधारित कंपनी स्पेसकिड्ज (SpaceKidz) के मुख्य तकनीकी पदाधिकारी रिफत शाहरुख ने बताया कि 3.5 किलोग्राम वजनी इस नैनो उपग्रह में एक अतिरिक्त चिप लगाई जाएगी, जिसमें सभी लोगों के नाम होंगे.
बड़े अंतरिक्ष मिशन (Space Mission) में लोगों का नाम भेजने की विदेशी एजेंसियों की परंपरा को अब भारत (India) के अंतरिक्ष मिशन में भी शामिल कर लिया गया है. निजी क्षेत्र का पहला उपग्रह सतीश धवन सैट पहली बार नासा की तर्ज पर भगवद् गीता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर और 25 हजार भारतीय लोगों (विशेषकर छात्रों) का नाम लेकर अंतरिक्ष में पहुंचेगा. इस उपग्रह का प्रक्षेपण इसरो अपने विश्वसनीय ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘पीएसएलवी सी-51’ से दो अन्य निजी उपग्रहों के साथ करेगा.
एसडी सैट का निर्माण करने वाली चेन्नई आधारित कंपनी स्पेसकिड्ज के मुख्य तकनीकी पदाधिकारी रिफत शाहरुख ने बताया कि 3.5 किलोग्राम वजनी इस नैनो उपग्रह में एक अतिरिक्त चिप लगाई जाएगी जिसमें सभी लोगों के नाम होंगे. इस नैनोसेटेलाइट को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक के नाम पर ही रखा गया है.स्पेसकिड्स का मकसद इस मिशन के जरिए छात्रों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देना है.
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