वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य में लघु वनोपजों का संग्रहण निरंतर जारी है। अक्टूबर माह से 15 फरवरी तक 12 करोड़ 95 लाख रुपए की राशि के 56 हजार 989 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला ने बताया कि इस अवधि में हर्रा, बहेड़ा और गिलोय आदि वनोपजों का लक्ष्य से भी अधिक मात्रा में संग्रहण हुआ है।
उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 15 फरवरी की स्थिति में 1 करोड़ 5 लाख रुपए की राशि के 6 हजार 345 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ था। इस वर्ष 15 फरवरी की स्थिति में लगभग 13 करोड़ रुपए की राशि के 56 हजार 989 क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें हर्रा 10 हजार 589 क्विंटल के लक्ष्य से अधिक 2 करोड़ 73 लाख रुपए की राशि के 18 हजार 197 क्विंटल का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह बहेड़ा लक्ष्य 5 हजार 145 क्विंटल के विरुद्ध 3 करोड़ 58 लाख रुपए की राशि के 21 हजार 68 क्विंटल और गिलोय लक्ष्य 1 हजार 40 क्विंटल के विरुद्ध 2 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि के 5 हजार 748 क्विंटल का संग्रहण हो चुका है। इसके अलावा 6 हजार 886 क्विंटल कालमेघ, एक हजार 421 क्विंटल माहुल पत्ता, 796 क्विंटल नागरमोथा व 689 क्विंटल भेलवा का संग्रहण किया गया है।
इसी तरह 536 क्विंटल बहेड़ा कचरिया, 316 क्विंटल हर्रा कचरिया, 252 क्विंटल शहद, 249 क्विंटल पुवाड़ (चरोटा), 182 क्विंटल शतावर (सूखा) तथा 162 क्विंटल कुसुम बीज का संग्रहण हो चुका है। इसके अलावा 132 क्विंटल बेल गुदा, 120 क्विंटल रंगीनी लाख, 115 क्विंटल वन तुलसी, 39 क्विंटल इमली (बीज सहित), 25 क्विंटल जामुन बीज (सूखा) तथा 24 क्विंटल वन जीरा का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह 13 क्विंटल आंवला (बीज रहित)व 11 क्विंटल फूल झाडू, 6 क्विंटल कुसुमी लाख, 1.55 क्विंटल महुआ बीज और 1 क्विंटल कुल्लू गोंद का संग्रहण किया गया है।
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