चीन न हाल ही में गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों में से 4 लोगों को सैन्य सम्मान देने की बात कही है। चीन ने स्वीकार किया है कि गलवान की झड़प में उसके कई सैनिक मारे गए हैं, लेकिन आधिकारिक आंकड़ा बताने से फिर से उसने मना कर दिया। इसके चलते बीजिंग में भारतीय दूतावास के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निशाना बनाया गया। कई चीनी भारतीय दूतावास को टैग कर के अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं और अपनी खीझ निकाल रहे हैं। बता दें कि गलवान के संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों ने बलिदान दिया था। चीन के सैनिकों की मौत का आँकड़ा कहीं ज्यादा होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन चीन ने आज तक वास्तविक मृतकों की संख्या नहीं बताई है। रूस के TASS संगठन के अनुसार यह संख्या 45 के आसपास है, जबकि भारतीय सेना के उत्तरी कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी का मानना है कि हताहतों की संख्या 60 से भी ज्यादा थी। लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल भारत को ही चीनी नागरिक निशाने पर ले रहे हैं। चीन की सरकार और PLA भी वहां के युवाओं के निशाने पर है। नानजिंग से एक व्यक्ति को PLA पर टिप्पणी करने के कारण गिरफ्तार किया गया है। वहां के लोग कम्युनिस्ट पार्टी से पूछ रहे हैं कि उसने इतने दिनों तक ये बात क्यों छिपाई? इसके अलावा चीनी यूट्यूब माने जाने वाले प्लेटफ़ॉर्म वीबो से एक चर्चित यूजर को इसलिए सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि उसने PLA पर सवाल उठाने का प्रयास किया था।
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