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Editorial :- अच्छा होगा एयरस्ट्राईक में ढेर हुए जैश के आतंकियों के शव गिनने हेतु सेना के विमान से सिद्धू,कपिल,ममता…. व एनडीटीवी इंडिया टुडे आदि के प्रतिनिधियों का डेलीगेशन बालाकोट भेजा जाये

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5 March 2019

सबूत मांगने की मुहिम पाकिस्तान सरकार जैसे ही हमारे यहॉ के कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी नेताओं   द्वारा चलाई जा रही है।

पर गुरूजी….?

इस संदर्भ में एक घटनाक्रम का उल्लेख करना उचित रहेगा: रा.स्व.संघ के द्वितीय सरसंघचालक मा..गोलवलकर जी (गुरूजी) से संघ के एक अधिकारी ने   एक स्वयं सेवक का नाम लेकर कहा कि उस स्वयं सेवक ने शाखा आना बंद कर दिया है। उसके मन में कुछ संशय है, प्रश्र है। उस स्वयं सेवक को हमें समझाना चाहिये। गुरूजी ने कहा कि उसे समझाना व्यर्थ है। उसकी सभी शंकाओं का समाधान करने के उपरांत भी वह संतुष्ट नहीं होगा।

अधिकारी ने कहा कि फिर भी हमें समझाना चाहिये। इस पर गुरूजी ने कहा कि अच्छा उसे बुला लेते हैं।

स्वयं सेवक के प्रश्र का उत्तर दिया गया। फिर प्रश्र उपस्थित हुआ उसका भी समाधान कर दिया गया। यह क्रम चलते रहा परंतु वह कहते रहा…. पर गुरूजी।

उक्त वाकया घटनाक्रम पाकिस्तान और हमारे यहॉ की कांग्रेस तथा अन्य कुछ विपक्षी दलों पर सटीक बैठता है।

26/11, पठानकोट,उरी और अब पुलवामा पाक आतंकी अटैक के सौंपे सबूत पर क्या हुआ?

सर्जिकल स्ट्राईक के मांगे थे सबूत कांग्रेस अन्य ने….

अब एयरस्ट्राईक में कितने मरे उसके शव चाहिये कांगेे्रस को….

> १९६५ के युद्ध में लालबहादुर शास्त्री जी के नेतृत्व में हमारे यहॉ की सेना ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी। परंतु उस समय रूस के दबाव में आकर शास्त्री जी को ताशकंद समझौता करने के लिये जाना पड़ा था। उस समय भी पत्रकारों और कुछ विशेष अन्य अधिकारियों का एक डेलीगेशन भी भारत के एक विमान से ताशकंद भेजा गया था।

उक्त तर्ज पर ही…………

>> जी न्यूज के एक पब्लिक डिबेट सेना के एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने कहा कि जो व्यक्ति एयरस्ट्राईक होने का सबूत मांग रहे हैं, कोई मरा या नहीं मरा इसका सबूत मांग रहे हैं तो ऐसे नेताओं का एक डेलीगेशन सिद्धू, कपिल, ममता जैसे नेताओं और इंडिया टुडे, एनडीटीवी जैसे मीडिया के प्रतिनिधियों के नेतृत्व में बालाकोट भेजा जाना चाहिये जिससे कि वे वहॉ जाकर स्वयं ही शवों को गिन लें और चाहें तो वहीं रह जायें।

>> शाहनवाज बोलेसेना कोई स्ट्राइक करे तो कांग्रेस के एक नेता को साथ ले जाए

हमें मालूम था कि कांग्रेस और पाकिस्तान दोनों सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगेंगे. बता दें कि उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक हुआ था. दोनों कार्रवाई को लेकर अब विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार से सबूत मांगा जा रहा है.

बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, पाकिस्तान ने कहा कि कुछ नहीं हुआ था तो क्या करें. जब सेना कोई स्ट्राइक करे तो एक कांग्रेस के नेता को साथ ले जाए, ताकि वो देखे की करवाई हुई है कि नहीं. उन्होंने कहा, क्या कांग्रेस को भारत की सेना के पराक्रम पर भरोसा नहीं है. कांग्रेस कहां तक जाएगी. अगर कांग्रेस इस तरह की बात करेगी तो 44 से 4 सीटों पर जाएगी।

हमारे यहॉ के वायुसेना प्रमुख धनोवा ने राफेल विमान के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया दी थी तो राहुल गांधी जी ने क्षुब्ध होकर उसकी आलोचना की थी।

अभी भी चौकीदार चोर हैराफेल अंबानी का  तोता रट लगाते रहते हैं।

हमारे यहॉ के आर्मी चीफ विपिन रावत को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सुपुत्र संदीप दीक्षित ने सड़क का गुंडा तक कहा था।

समयसमय पर ये सब किस प्रकार से हमारे यहॉ के सेना का अपमान करते रहे हैं यह सर्वविदित है। लोग खुश हुए थे यह जानकर कि  एयर स्ट्राईक के बाद अब इन विपक्षी नेताओं ने सेना की कार्रवाई पर पूर्ण विश्वास जताया है।

स्वाभाविक हैयदि मोदी सरकार ने सेना के तीनों अंगों को यह नहीं कहा होता कि वे पाकिस्तान कि आतंकी गतिविधियों का जवाब देने के लिये वे स्वतंत्र हैं। कैसे, कब और किस प्रकार से जवाब दिया जाये यह सेना को ही निश्चित करना है इसके लिये वह स्वतंत्र हैं।

लोगोंं में पाकिस्तानी आतंक  प्राक्सी वार के विरूद्ध बहुत क्रोध है। मोदी सरकार और सेना ने  जो पाकिस्तान की आतंकी नीति के विरूद्ध जो कदम उठाया है उसकी प्रशंसा हुई। चुनाव का समय है। इसलिये भाजपा और पीएम मोदी का विरोध करते करते वे हमारे यहॉ कि सेना का भी अपमान कर रहे हैं। इससे पाकिस्तान में तो तालियां इन नेताओं की प्रतिक्रिया सुनकर बज रही है परंतु भारत की जनता को यह रास नहीं रहा है। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी पार्टियों को इस पर विचार करना चाहिये।