Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

कोंडागांव के आदिवासी 700 साल से निभा रहे हैं अनूठी परंपरा, पेड़ के इस पत्ते पर देते हैं

छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले कोंडागांव के लोग डिजिटल युग में भी अपनी परंपराओं को नहीं भूले हैं. जहां लोग अपना मैसेज भेजने के लिए सोशल मिडिया फिर महंगे निमंत्रण कार्ड का उपयोग करते हैं, लेकिन जमीन से जुड़े लोग अपनी प्रक्रति संस्कृति को नहीं भूले हैं. आज इस डिजिटल युग में कोंडागांव के लोग वार्षिक मेले में आने के लिए आम के पत्ते से निमन्त्रण देते हैं और कील ठोंककर लोगो की सुरक्षा करते हैं.

आम की पत्ती से निमंत्रण
जिले में हर साल फागुन महीने में वार्षिक मेले का आयोजन होता है . जिसमे शामिल होने के लिए  मेला समिति के सदस्य साप्ताहिक बाजार में आये व्यापारियों,ग्रामीणों को आम की टहनी से निमंत्रण देते है , गाँव का कोटवार आम पत्ते लेकर  मेला समिति के सदस्यों के साथ साप्ताहिक बाजार में घूमकर  16 मार्च  से शुरू होने वाले मेले में शामिल होने के लिए  आम की टहनी के जरिये निमंत्रण दे रहा है.कील गड़ाकर की जाती है सुरक्षा
मेले में लोगो को आमंत्रित करने के बाद लोगों की सुरक्षा की व्यवस्था के लिए कील गाड़ी जाती है.ताकि मेले में आये लोगों पर कोई आपदा न आए इस रस्म को मांडो रस्म कहा जाता है. मेला आयोजन समिति के नरपति पटेल ने बताया की यहां होने वाले मेले में ग्राम देवी देवताओं की अनुमति प्राप्त करना, देवी पहुंचानी की रस्म अदा करने के साथ सभी ग्राम देवी-देवताओं को मेले में शामिल होने का निमंत्रण देना यह धार्मिक प्रक्रिया मेला शुरू करने से पहले की जाती है.