हाइलाइट्स:इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने संतों और मठों को दिया नोटिसकुंभ में कराए गए कामों से जुड़ा है मामला, संतों में नाराजगीसंतों को नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ ऐक्शन की मांगवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर दी आंदोलन की चेतावनीप्रयागराजउत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के नोटिस का कड़ा विरोध किया है। संतों का दावा है कि उन्हें जो धन मिला ही नहीं उसके लिए आयकर ने नोटिस दिया है। संतों ने नोटिस देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। संतों ने कहा है कि अगर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे।अखिल भारतीय संत समिति सनातन हिंदू धर्म के विभिन्न अखाड़ों और मठों का एक संयुक्त मंच है। समिति के अनुसार, आयकर विभाग ने कथित तौर पर सनातन धर्म के 13 अखाड़ों और तीर्थराज प्रयागराज के सभी प्रमुख मठों को नोटिस भेजा है।’बदनाम करने की साजिश’अखिल भारतीय संत समिति ने नोटिस को सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने और हिंदू धमाचार्यो को अपमानित करने की साजिश बताया है। समिति ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।जल निगम ने करवाया था कामअखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ‘प्रयागराज में कुंभ 2019 के दौरान राज्य सरकार और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से काम किए गए थे, ताकि तीर्थयात्री वहां आराम से रह सकें। उस समय, यूपी सरकार ने कुंभ आने वाले तीर्थयात्रियों को कई सुविधाएं देने के लिए 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों में कई काम करवाए थे। जल निगम इस काम के लिए कार्यदाई संस्था थी और यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने इसके लिए फंड दिया था।’13 अखाड़ों के संतों को मिला है नोटिसजीतेंद्रानंद ने कहा कि अखाड़ों और संतों का उस फंड से कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें अपने बैंक खातों में उस काम के लिए कोई धनराशि नहीं मिली। इसके बावजूद, आयकर विभाग ने 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों को उस फंड के लिए नोटिस दिया जो उन्हें कभी मिला ही नहीं। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि नोटिस के माध्यम से, संतों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।’संतों का अपमान’संत ने कहा, ‘एक भारतीय नागरिक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम जो फंड प्राप्त करते हैं, उसका हिसाब दें। लेकिन जो फंड कभी मिला ही नहीं उसका हिसाब कैसे दें?’ उन्होंने दावा किया कि यह संतों का ‘अपमान’ है और सनातन धर्म को बदनाम करने की ‘साजिश’ है और इससे संत समाज में काफी रोष है। अगर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संत समाज सड़कों पर उतरेगा।’निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
Nationalism Always Empower People
More Stories
सीएम योगी आज से करेंगे ‘जनता दर्शन’, समस्याओं का समाधान लेकर आएंगे आगे
यूपी लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों का पूरा रिजल्ट, जानिए किस सीट से किसने मारी बाजी
UP Lok Sabha Election Results 2024: पश्चिमी यूपी में बेहद रोमांचक मुकाबला, शुरुआती रूझानों में बीजेपी आगे, जानिए सीटों का ताजा अपडेट