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ज्ञानवापी प्रकरण में मां गंगा की तरफ से याचिका, पूजा और जल अर्पित करने का मांगा अधिकार  

सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार सिंह की अदालत में ज्ञानवापी मामले में एक और याचिका मां गंगा की तरफ से वाद मित्र बताते हुए दाखिल की गई। याचिका महाराष्ट्र के सुरेश चह्वाण की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें मां गंगा की तरफ से कहा गया है कि श्री आदि विश्वेश्वर उनके आराध्य देव हैं।उनको पूजा और जल अर्पित करने का अधिकार दिया जाए, जो सदियों से चला आ रहा है और उसे मस्जिद के नाम पर अवरुद्ध किया गया है।  अदालत में यूनियन ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश सरकार, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी, जिलाधिकारी वाराणसी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट आदि को पक्षकार बनाया गया है।अदालत में वादी की तरफ से अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मां गंगा का पक्ष रखा। याचिका दाखिल होने की जानकारी मिलने पर अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी के अधिवक्ता हाजिर हुए और वकालतनामा दाखिल किया। साथ ही उन्होंने पक्ष रखने के लिए अदालत से समय मांगा। अदालत ने सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि तय की है।

सिविल जज सीनियर डिविजन महेंद्र कुमार सिंह की अदालत में ज्ञानवापी मामले में एक और याचिका मां गंगा की तरफ से वाद मित्र बताते हुए दाखिल की गई। याचिका महाराष्ट्र के सुरेश चह्वाण की तरफ से दाखिल की गई है। इसमें मां गंगा की तरफ से कहा गया है कि श्री आदि विश्वेश्वर उनके आराध्य देव हैं।

उनको पूजा और जल अर्पित करने का अधिकार दिया जाए, जो सदियों से चला आ रहा है और उसे मस्जिद के नाम पर अवरुद्ध किया गया है।  अदालत में यूनियन ऑफ इंडिया, उत्तर प्रदेश सरकार, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड, अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी, जिलाधिकारी वाराणसी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट आदि को पक्षकार बनाया गया है।

अदालत में वादी की तरफ से अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने मां गंगा का पक्ष रखा। याचिका दाखिल होने की जानकारी मिलने पर अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी के अधिवक्ता हाजिर हुए और वकालतनामा दाखिल किया। साथ ही उन्होंने पक्ष रखने के लिए अदालत से समय मांगा। अदालत ने सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तिथि तय की है।

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