इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर नगर के अजय प्रकाश वर्मा को अपनी पत्नी व बच्चे के लिए परिवार न्यायालय द्वारा निर्धारित गुजारा भत्ता देने के आदेश पर रोक लगा दी है तथा परिवार न्यायालय में माह की 10 तारीख को 10 हजार रुपये जमा करने तथा बकाया 15 मई तक जमा करने का निर्देश दिया है। परिवार न्यायालय ने याची को 15 हजार प्रतिमाह देने का आदेश दिया था जिसे हाईकोर्ट ने याची पति की हैसियत से अधिक करार दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अजय प्रकाश वर्मा की याचिका पर दिया है। दयाची का कहना था कि परिवार न्यायालय ने उसकी हैसियत से ज्यादा गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है। याची की शादी वंदना वर्मा से आर्य समाज मंदिर कानपुर नगर में 2006में हुई थी 2015 में पति-पत्नी अलग रहने लगे।पत्नी ने उत्पीड़न का आरोप लगाकर गुजारा भत्ता के लिए परिवार न्यायालय मे अर्जी दाखिल की।जिस पर पारित आदेश के खिलाफ यह पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की गई है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर नगर के अजय प्रकाश वर्मा को अपनी पत्नी व बच्चे के लिए परिवार न्यायालय द्वारा निर्धारित गुजारा भत्ता देने के आदेश पर रोक लगा दी है तथा परिवार न्यायालय में माह की 10 तारीख को 10 हजार रुपये जमा करने तथा बकाया 15 मई तक जमा करने का निर्देश दिया है। परिवार न्यायालय ने याची को 15 हजार प्रतिमाह देने का आदेश दिया था जिसे हाईकोर्ट ने याची पति की हैसियत से अधिक करार दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने अजय प्रकाश वर्मा की याचिका पर दिया है। दयाची का कहना था कि परिवार न्यायालय ने उसकी हैसियत से ज्यादा गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है। याची की शादी वंदना वर्मा से आर्य समाज मंदिर कानपुर नगर में 2006में हुई थी 2015 में पति-पत्नी अलग रहने लगे।पत्नी ने उत्पीड़न का आरोप लगाकर गुजारा भत्ता के लिए परिवार न्यायालय मे अर्जी दाखिल की।जिस पर पारित आदेश के खिलाफ यह पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की गई है।
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