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बभनियांव में मिली कुषाणकालीन ईंट और मिट्टी की फर्श, बीएचयू के पुरातत्व विभाग की टीम कर रही खोदाई

वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र के बभनियांव में चल रही खोदाई में बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम को बुधवार को कुषाणकालीन ईंट और मिट्टी के फर्श की जानकारी मिली है। यह फर्श इतनी मोटी है कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसका निर्माण ईंटों को कूटकर हुआ था। इसके अलावा सील और लोढ़ा का टुकड़ा, मिट्टी का मनका, प्रतिमा के खंडित पैर और अन्य पुरावशेष मिले हैं। अब इसका मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके बाद सही जानकारी मिल सकेगी।बीएचयू प्राचीन इतिहास, पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह के निर्देशन में बभनियांव के साथ ही चंदौली के माटी गांव में भी खोदाई चल रही है। पिछले साल भी यहां खोदाई में कई अहम पुरावशेष मिले थे। प्रो. अशोक सिंह ने बताया कि सोमवार को जो प्रदक्षिणा पथ मिले थे, उसके आगे की खोदाई कराई गई तो नीचे बहुत मोटी फर्श मिली है। यह कुषाणकालीन है, जो करीब दो हजार साल की है।
यहां खोदाई में गुप्तकालीन दीवाल, और मोटी फर्श के साथ ही पर्की ईंट की जानकारी भी मिली है। बताया कि लोढ़ा, सील का टुकड़ा, मिट्टी का मनका आदि मिलने के साथ ही एक नारी की प्रतिमा की खंडित पैर मिला है। जिस तरह खुदाई में पुरावशेष मिल रहे हैं, उससे यह पता लगाया जा सकता है कि यहां आवासीय बस्ती भी रही होगी। इस दौरान डॉ. रविशंकर, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. सचिन तिवारी के साथ ही शिवकुमार, वरुण कुमार सिन्हा आदि मौजूद रहे।

वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र के बभनियांव में चल रही खोदाई में बीएचयू पुरातत्व विभाग की टीम को बुधवार को कुषाणकालीन ईंट और मिट्टी के फर्श की जानकारी मिली है। यह फर्श इतनी मोटी है कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसका निर्माण ईंटों को कूटकर हुआ था। इसके अलावा सील और लोढ़ा का टुकड़ा, मिट्टी का मनका, प्रतिमा के खंडित पैर और अन्य पुरावशेष मिले हैं। अब इसका मूल्यांकन कराया जाएगा। इसके बाद सही जानकारी मिल सकेगी।

बीएचयू प्राचीन इतिहास, पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह के निर्देशन में बभनियांव के साथ ही चंदौली के माटी गांव में भी खोदाई चल रही है। पिछले साल भी यहां खोदाई में कई अहम पुरावशेष मिले थे। प्रो. अशोक सिंह ने बताया कि सोमवार को जो प्रदक्षिणा पथ मिले थे, उसके आगे की खोदाई कराई गई तो नीचे बहुत मोटी फर्श मिली है। यह कुषाणकालीन है, जो करीब दो हजार साल की है।