तमाम सरकारी कवायदों के बावजूद जातीय भेदभाव पर अभी तक अंकुश नहीं लग सका है। पूर्व में अनुसूचित जाति के प्रधान के बाद इस बार ओझला गांव में पिछड़ी जाति की महिला प्रधान चुनी गईं तो ग्राम पंचायत की बैठक से पहले प्रधान समर्थक ने शिक्षा के मंदिर में गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध किया। सप्ताहभर बाद इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। हालांकि अधिकारियों ने मामला संज्ञान में न होने की बात कही है।
बाबा बेलखरनाथ धाम विकासखंड के ओझला में पिछली बार ग्राम प्रधान अनुसूचित जाति की बिरादरी से था। इस बार पिछड़ी जाति की एक महिला ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई है। गांव के प्राथमिक विद्यालय में 27 मई को ग्राम पंचायत की पहली बैठक बुलाई गई थी। ग्राम पंचायत सदस्य पहले से ही प्राथमिक विद्यालय पहुंच गए। बाद में ग्राम प्रधान का एक समर्थक विद्यालय पहुंचा और वह मुख्य गेट से ही बैठक स्थल तक गंगाजल का छिड़काव करने लगा। बैठक में खाली पड़ी कुर्सियों पर भी उसने गंगाजल छिड़का।
इस दौरान आसपास मौजूद लोगों से उसने शुद्धिकरण करने की बात कही। इसका वीडियो बुधवार शाम सोशल मीडिया में वायरल हुआ। इसके बाद लोगों में संविधान में सभी जातियों को मिले समान अधिकार पर चर्चा होने लगी। हालांकि डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने इसकी जानकारी से इनकार किया। सीडीओ अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ऐसा कुछ हुआ है तो वह वीडियो का परीक्षण कराएंगे। अगर आरोप सही मिला तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
ने इसकी जानकारी से इनकार किया। सीडीओ अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ऐसा कुछ हुआ है तो वह वीडियो का परीक्षण कराएंगे। अगर आरोप सही मिला तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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