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बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद, गंगा-युमना में बढ़ा जलस्तर

बांधों से पानी छोड़े जाने के साथ ही बारिश होने से गंगा-यमुना के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई है। जलस्तर बढ़ने से बृहस्पतिवार को संगम की रेती जलमग्न हो गई। इससे तीर्थपुरोहितों, फेरी वालों और पूजन सामगरी बेचने वालों की परेशानी बढ़ गई। दर्जनों दुकानों को जहां शिफ्ट कराना पड़ा, वहीं पुरोहितों और घाटियों की चौकियां भी पीछे हटाई जती रहीं। इसी के साथ गंगा के तटों पर कटान भी तेज होने लगी है।

जून महीने में ही प्रवाह बढ़ने से तीर्थराज प्रयाग में पतित पावनी गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान दो सेंमी की वृद्धि दर्ज की गई है। बृहस्पतिवार की रात आठ बजे फाफामऊ घाट पर गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन छतनाग और नैनी में यमुना का जलस्तर बढ़ता रहा। पिछले दो दिनों से जल स्तर में वृद्धि होने से फाफामऊ समेत अन्य जगहों पर रेती में कटान होने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। फिलहाल संगम पर असमय प्रवाह बढ़ने से लोग परेशान हैं। सुबह से ही संगम पर लोग चौकियां और दुकानों के सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गए।

गंगापुत्र घाटिया संघ के शालिग्राम पांडेय ने बताया कि अचानक जलस्तर में वृद्धि से संगम पर तीर्थपुरोहितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यही हाल रहा तो इस बार समय से पहले ही लोगों को बाढ़ क सामना करना पड़ सकता है। तीर्थपुरोहित राजमणि तिवारी बताते हैं कि अरसा बाद जून में इस तरह जलस्तर बढ़ रहा है और चौकियां हटानी पड़ रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुतबिक रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 76.55 मीटर दर्ज किया गया। यहां 24 घंटे में एक सेंमी पानी घटा है। इसी तरह छतनाग में जलस्तर बढ़कर 71.34 मीटर पर पहुंच गया। छतनागम में एक सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इसी तरह नैनी में यमुना का जल स्तर 72.06 मीटर रिकॉर्ड किया गया।