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मौदहा नगर पालिका परिषद में 55 लाख रुपये का गबन

हमीरपुरउत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में नगर पालिका परिषद मौदहा में 55 लाख से अधिक की धनराशि के गबन मामले में एसडीएम ने पालिका के चेयरमैन, अधिशाषी अधिकारी (ईओ), सहायक अभियंता और अवर अभियंता समेत सात लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। सरकारी धनराशि की लूट में तीन ठेकेदार भी फंसे हैं। इस कार्रवाई से जहां पालिका में हड़कंप मच गया है तो वहीं तत्कालीन ईओ को इस मुकदमे में आरोपी नहीं बनाए जाने से गुरुवार को सभासदों में आक्रोश गहरा गया है। सभासदों ने इस मामले को लेकर डीएम से लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है।विवाद में खुल गया राजनगर पालिका परिषद मौदहा को लंबे समय से खा रहे भ्रष्टाचार का दीमक अध्यक्ष रामकिशोर और अधिशाषी अधिकारी राजेश कुमार वर्मा के बीच उपजे विवाद में बाहर आ गया। ईओ राजेश कुमार वर्मा ने अध्यक्ष और संबंधित ठेकेदारों पर मनमानी का आरोप लगाया था। वहीं, अध्यक्ष ने भी ईओ पर आरोप लगाए थे। जिसके चलते ईओ को राजधानी स्थित निर्देशालय से संबद्ध कर दिया गया था और मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय समिति बनाई थी।

समिति ने जांच कर 11 जून को जिलाधिकारी के समक्ष रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें नाला खुदाई का ठेका पिछले सालों की अपेक्षा कई गुना अधिक में 55 लाख में उठाने के साथ ही साथ लोडर खरीदने सहित अन्य कई मामलों में भारी वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थीं।इस पर जिलाधिकारी ने अध्यक्ष, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी, जेई, एई सहित संबंधित ठेकेदारों पर मुकदमा दर्ज कराए जाने के आदेश दिए थे। एसडीएम राजेश कुमार चौरसिया की तहरीर पर कोतवाली में अध्यक्ष रामकिशोर, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी महेंद्र कुमार चौधरी, अवर अभियंता हर्षित पटेरिया, सहायक अभियंता एलपी निरंजन, ठेकेदार कमलेश कुमार वर्मा, फरीद उद्दीन और प्रवीण कुमार दीक्षित पर सरकारी धन गबन करने के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तत्कालीन ईओ पर मुकदमा दर्ज करने की मांगवहीं, नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी राजेश कुमार वर्मा का नाम नहीं होने से कुछ सभासदों ने आक्रोश जताया।