फिरोजाबादउत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में वैसे तो अभी ऑक्सिजन की कमी नहीं है, लेकिन अप्रैल में ऑक्सिजन की कमी से जूझते हॉस्पिटलों में भर्ती मरीज दम तोड़ रहे थे। उस समय मरीजों के परिजन दूर-दूर से ऑक्सिजन की व्यवस्था करने को दौड़ लगा रहे थे। वर्तमान हालात यह हैं कि अभी तक किसी भी कारोबारी ने ऑक्सिजन प्लांट (Oxygen Plant) के लिए आवेदन नहीं किया है। सरकार ने किया था प्रोत्साहितकोविड काल के दौरान पैदा हुई भयावह स्थिति को देखते हुए सरकार ने यूपी के कारोबारियों को ऑक्सिजन प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
सरकार ने उन्हें लुभाने के लिए प्लांट लगाने पर 20 फीसदी सब्सिडी देने और सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर हर संभव मदद का भी भरोसा दिया था, लेकिन फिरोजाबाद जिले में सरकार की यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। हालत यह है कि अभी तक यहां किसी भी कारोबारी ने प्लांट की स्थापना के लिए आवेदन तक नहीं किया है। ऑक्सिजन की कमी होने क कारण शहर के कारखानों में होने वाली ऑक्सिजन आपूर्ति को बंद करा दिया गया था।UP: आगरा में बैठा ‘बाबा’ बच्चों से मंगवाता था भीख, इनकार पर दी जाती थीं यातनाएंसरकारी हॉस्पिटल में खुलवाया प्लांटकोविड काल में ऑक्सिजन की कमी के मद्देनजर फिरोजाबाद शहर में दो प्लांट भी स्थापित हुए, जिनमें एक प्लांट मेडिकल कॉलेज में डेढ़ करोड़ की लागत से स्थापित किया गया था।
जिसकी क्षमता एक हजार लीटर प्रति मिनट की है। वहीं, दूसरा प्लांट शहर के एक निजी अस्पताल में स्थापित किया गया था, जिसकी क्षमता 130 लीटर प्रति मिनट की है। मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पताल में दो बड़े-बड़े प्लांट स्थापित होने के बाद फिलहाल फिरोजाबाद शहर में ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं है। सीएमओ डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ का कहना है कि कोविड के समय ऑक्सिजन की कमी हुई थी। प्राइवेट स्तर पर भी लोगों को प्लांट लगाने चाहिए, क्योंकि चूड़ी उद्योग के लिए भी ऑक्सिजन की आवश्यकता होती है।
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