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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहायक अध्यापक की 60 साल आयु से पहले मृत्यु होने पर इस आधार पर ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं रोका जा सकता कि उसने 60 साल में सेवानिवृत्त होने का विकल्प नहीं दिया था। कोर्ट ने कानपुर देहात के अरविंद कुमार द्विवेदी को सहायक अध्यापिका रही उनकी पत्नी की ग्रेच्युटी की गणना कर दो माह में भुगतान किए जाने का निर्देश दिया है और कहा है कि यदि समय से भुगतान नहीं किया गया तो याची 8 फीसदी ब्याज पाने का हकदार होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है।
याची का कहना था कि उसकी पत्नी रस्तपुर विकासखंड मैथा, जिला कानपुर देहात के प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापिका थी। सेवा काल में मौत हो गई। अन्य परिलाभों का भुगतान कर दिया गया किन्तु ग्रेच्युटी यह कहते हुए रोक ली कि अध्यापिका ने सेवानिवृत्ति विकल्प नहींं दिया था। ऐसे अन्य केस में कोर्ट ने कहा कि विकल्प नहीं देने से ग्रेच्युटी नहीं रोक सकते। जिसके आधार पर याची को भी भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
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