दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को मार डालने की आरोपित जेठानी की जमानत अर्जी सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है। यह आदेश अपर सेशन जज संजय कुमार शुक्ल ने एडीजीसी अखिलेश सिंह बिसेन एवं आरोपित आशा देवी व बजराही के जमानत प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ता के तर्कों को सुन कर दिया। अदालत ने कहा कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार विवाहिता को दहेज के लिए मजबूर करना, उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, मारना पीटना, जिसके परिणाम स्वरूप मृत्यु हो गई है, मामले की परिस्थितियों अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत का आधार पर्याप्त नहीं है।
सोरांव थाने पर रामसूरत ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी लड़की सविता की शादी दिसंबर 2015 में गुलाब निवासी रईया के साथ हुई थी। पति के उकसाने पर जेठ जसवंत व जय सिंह ,जेठानी सरीला व आशा देवी एवं बजराही मारते-पीटते थे। सविता ने 11 अप्रैल को फोन कर बताया कि पिताजी पैसा लेकर नहीं आओगे तो यह लोग मार डालेंगे। 12 अप्रैल 2020 को जब पहुंचा तो लड़की को सरदार पटेल अस्पताल ले गए थे जहां से स्वरूप रानी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। संवाद
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