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बाराबंकी में उप्र सचिवालय का पास लगी कार से व्यापारियों और दुकानदारों से ठगी करने वाले दो मुन्नाभाई पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। आरोपियों पर पुलिस ने ठगी और धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर बुधवार को जेल भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, मसौली थाना क्षेत्र में त्रिलोकपुर कस्बे में मंगलवार को इंडिगो कार से पहुंचे तीन व्यक्तियों ने खुद को सूचना मंत्रालय का अधिकारी और पत्रकार बताकर दुकान का लाइसेंस दिखाने को कहने लगे। लाइसेंस नहीं दिखा पाने पर दुकानदार से उसके एवज में 5 हजार रुपये देने की मांग की। इस बात पर स्थानीय दुकानदारों को शक हुआ तो ठगों को घेर लिया। हंगामा बढ़ता देख मौके से एक ठग वहां से भाग निकला और दो। आरोपियों को पकड़ कर दुकानदारों ने पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस की जांच में ठगों की असलियत आई सामने
पकड़े गए दोनों शातिर आरोपियों से पुलिस की गहनता से पूछताछ में एक ने अपना नाम फहीम अहमद और दूसरे ने समीर खां बताया है। दोनों आरोपी बहराइच जिले के तकिया कस्बा जरवल रोड बताया है। इन आरोपियों ने बहराइच जिले में 500 से अधिक घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। इनके बाराबंकी शहर के आवास विकास स्थित कार्यालय का पता फर्जी पाया गया है। वहीं, फरार आरोपी का नाम वकार अहमद निवासी बहराइच है।
ग्रामीण कस्बों में 500 से 5000 की ठगी
पुलिस के अनुसार, ये आरोपी छोटे-छोटे कस्बों, ग्राम प्रधानों, दुकानदारों और सीधे-साधे लोगों को अपना निशाना बनाकर उनको रौब में लेकर 500 से 5000 रुपये की ठगी करते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से उप्र सचिवालय का पास लगी इंडिगो कार, मीडिया से संबंधित माइक आईडी, कार्ड और आर्केस्ट्रा डांस पार्टी के टिकट, 02 मोबाइल फोन के अलावा 2050 रुपये की नकदी मिली है।
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