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Editorial: रंग ला रही भारत की नीति: पाक के आतंक और कट्टरपंथ पर दुनिया सख्त

18-9-2021

जिस प्रकार से मोदी सरकार ने ७ सालों में पाकिस्तान के हर षडयंत्र का कूटनीति से तोड़ निकाला है उससे तो पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिर गया है। अब पाकिस्तान को चाहे आर्थिक हो या कूटनीति हर क्षेत्र में पाकिस्तान को झटके पर झटके लग रहे हैं।
मोदी सरकार के विदेशनीति से लेकर कूटनीति तक सभी प्रकार से पाकिस्तान के विरूद्ध जो कामयाबी लग रही है उसका नतीजा ये है कि विश्व में भारत के समर्थक देशों ने भारत के सुर में सुर मिला लिया है।
वर्तमान में चीन और दो तीन देशों को छोड़ दें तो प्रत्येक विश्व के देश पाकिस्तान को कट्टरपंथी और आतंकी देश मान रहे हैं।
अब न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेरा है। न्यूजीलैंड ने अपनी क्रिकेट टीम को पाकिस्तान भेजने से अचानक इनकार कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक झटका लगा हैं क्योंकि पाकिस्तान को क्रिकेट से ही रूपयों की आंस बची थी वो भी अब खत्म हो चुकी है।
न्यूजीलैंड ने जिस प्रकार से आते-आते अचानक से फैसला बदला उसके पीछे बड़ी वजह है हाल में तालीबान के पीछे पाकिस्तान का हाथ होना। जी हां पाकिस्तान व तालीबान के सांठगांठ के सबूत मिले हैं उससे तो अब दुनिया को भी लगने लगा है कि पाकिस्तान से यारी संभव नहीं है क्योंकि वहॉ पर कट्टरंपथ आतंकवाद का डेरा है।
हाल ही में जिस प्रकार से भारत के प्रतिनिधि ने यूएनएससी में पाकिस्तान के ऊपर धार्मिक कट्टरपंथी होने का खुलासा और आतंक पर आवाज उठाई थी उससे अब अन्य देशों को भी पाकिस्तान का हाल समझ में आ चुका है और यही कारण है कि इस बार न्यूजीलैंड जो कि पूर्व में पाकिस्तान में आने को तैय्यार थी अब उसका फैसला बदल गया है।
पीएम मोदी के नीतियों का ही नतीजा है कि अब पाकिस्तान के कट्टरपंथ और आतंक का चेहरा विश्व के अन्य देशों के सामने आ रहा है।
अब देखना यह होगा कि किस प्रकार से पाकिस्तान को आर्थिक मदद कौन करेगा क्योंकि जिस प्रकार से पाकिस्तान कृत्य कर रहा है उसे अब दूसरे देशों का साथ मिलना तो दूर बल्कि अब अधिकतर देश दूर होते जा रहे हैं और भारत की कूटनीतिक जीत का परचम लहरा रहा है।