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नरेंद्र गिरि मौत प्रकरण : शक की सूई विद्यार्थियों-सेवादारों की ओर, महंत की मौत के समय मठ में नहीं था कोई साधु

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के पीछे सेवादारों और विद्यार्थियों की ओर शक की सूई घूमने लगी है। इसलिए कि उस दिन बाघंबरी मठ में निरंजनी अखाड़े का कोई साधु मौजूद नहीं था। एक साधु था भी तो वह बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था में लगा था। ऐसे में मौत का राज उन्हीं विद्यार्थियों, सेवादारों के बीच माना जा रहा है,जो महंत की सेवा में होने के साथ ही उनके करीब भी थे।

शाम पांच बजे मठ के आगंतुक कक्ष में मौत के दिन महंत की दिनचर्या आम दिनों की तरह सामान्य होने की बात कही जा रही है। किसी वजह से उनके असहज होने या फिर डिप्रेशन में रहने की बात इसलिए भी किसी को हजम नहीं हो रही है, क्योंकि एक दिन पहले ही डिप्टी सीएम केशव मौर्य की मौजूदगी में भाजपा सरकार में विकास और कानून-व्यवस्था, हिंदुत्व की रक्षा को लेकर उन्होंने एक न्यूज चैनल को साक्षात्कार दिया था, जिसमें वह बेहद प्रसन्न मुद्रा में नजर आ रहे हैं।