हाइलाइट्सलखीमपुर हिंसा के दौरान जीप से भागता दिखाई दिया एक शख्स सुमित जायसवाल ने बताया कि भीड़ उन्हें मारने पर आमादा थी नहीं भागता तो ड्राइवर व दोस्त की तरह मारा जाता: सुमित जायसवाल लखीमपुर खीरी
यूपी के लखीमपुरी खीरी में दो दिन पहले रविवार को किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प की गूंज हर तरफ सुनाई दे रही है। इस बीच, मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ जिसमें हिंसा के बीच एक शख्स जीप से उतरकर भागता नजर आ रहा था। पहले कहा गया कि कि वह केंद्रीय राज्य मंत्री अजय कुमा मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा है। बाद में स्पष्ट हुआ कि वह आशीष नहीं बल्कि नगर पालिका परिषद लखीमपुर में शिवपुरी वॉर्ड से सभासद सुमित जायसवाल है। एक न्यूज चैनल से बातचीत में सुमित जायसवाल ने पूरी घटना को लेकर अपना पक्ष रखा।
‘भीड़ ने ड्राइवर को बाहर खींच लिया…मेरी रूह कांप गई’
सुमित ने बताया- ‘हम लोग डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कार्यक्रम स्थल पर लाने के लिए जा रहे थे। इस दौरान तिकुनिया में कई लोग सड़क पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। उन लोगों ने अचानक से मेरी जीप पर हमला बोल दिया। मेरे सामने उपद्रव करने वालों ने मेरे ड्राइवर को बाहर खींचकर निकाल लिया और डंडों से उसे पीटने लगे। फिर मेरे दोस्त शुभम मिश्रा के साथ भी यही किया। यह देख मेरी रूह कांप गई। मैं वहां से किसी तरह जान बचाकर भागा। अगर वहां मैं रुक जाता या फंस जाता तो आज जिंदा नहीं होता। मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने सामने अपने दोस्त को मरते हुए देखूंगा। शुभम का जाना मेरे लिए बहुत बड़ा झटका है, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा।’
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‘आशीष वहां नहीं थे, पत्थरबाजी से जीप पर नहींं रहा कंट्रोल’
स्थानीय बीजेपी नेता सुमित का कहना है कि आशीष मिश्रा मौके पर नहीं मौजूद थे। वह कुश्ती के कार्यक्रम में थे। किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के सवाल पर सुमित ने कहा- ‘हम किसी किसान को क्यों मारना चाहेंगे? जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें पूरी सच्चाई नहीं है। जब हमारी गाड़ी पर पत्थरबाजी हो रही थी तो जीप कंट्रोल में थी ही नहीं। पत्थर लगने की वजह से मेरे ड्राइवर की आंख में चोट आ गई थी। जैसे ही उसने जीप को किनारे लगाया, लोगों की भीड़ उसे खींच ले गई।’
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‘किसान नहीं कर सकते ऐसा, कोई बड़ी साजिश है’
सुमित जायसवाल के मुताबिक- ‘जिस तरह भीड़ में मौजूद लोग मेरे ड्राइवर और दोस्त शुभम की पिटाई कर रहे थे, वे किसान किसी भी एंगल से नहीं लग रहे थे। इस घटना के पीछे बड़ी साजिश है। सारे उपद्रवी बाहरी लग रहे थे। सभी के हाथ में धारदार हथियार थे और वे मारो-मारो चिल्ला रहे थे। उन सबका एक ही उद्देश्य लग रहा था कि कैसे वे जीप में आग लगा दें और गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को मार डालें।’
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सुमित जायसवाल ने ही कराई है FIR
गौरतलब है कि सुमित जायसवाल ने ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर करवाई है। सुमित की तहरीर पर 10-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ सोमवार सुबह ही मुकदमा दर्ज कर चुकी है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने हिंसा के बाद वायरल वीडियो से 24 लोगों की शिनाख्त की है।
लाल घेरे में सुमित जायसवाल
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