दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध है। कुछ दिन बाद ही दिवाली है। ऐसे में व्यापारी रिस्क लेकर पटाखों की बिक्री में जुटे हैं। इस बार बिक्री का तरीका बदल गया है। आलू, प्याज, टमाटर के नाम पर कोडवर्ड रखे गए हैं। फोन पर ऑर्डर लिया जा रहा है।
कारोबारियों ने अपने एजेंट मोहल्लों में तैनात किए हैं। उन्हें कमिशन भी दे रहे। 25 पर्सेंट एडवांस जमा कराने पर दिवाली को घर पर पटाखों की होम डिलिवरी का दावा किया जा रहा है।
मंगा रहे होम डिलीवरी
निश्चित कमिशन पर एजेंट पटाखे को निर्धारित स्थान पर पहुंचा दे रहे हैं। पब्लिक को इस बार लग रहा है कि दिल्ली की तरह यूपी में भी पटाखे की बिक्री पर पाबंदी न लग जाए, इसलिए लोग ब्लैक में ही ऑर्डर देकर होम डिलिवरी मंगा रहे हैं। करवाचौथ के दिन भी इसी तरह से पटाखे की सप्लाई को व्यापारियों ने पूरा किया है। चांद दिखते ही शहर में पटाखे फूटने शुरू हो गए थे। प्रशासन की तरफ से इस पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है।
कालाबाजारी के लिए आ रहे पटाखे
पिछले साल भी जमकर पटाखे की कालाबाजारी हुई थी। करीब एक करोड़ रुपये के पटाखे पकड़े थे। इस बार भी अभी तक लाखों रुपये के पटाखे पकड़े जा चुके हैं। दिल्ली से पटाखे को गाजियाबाद, हापुड़, बिजनौर और गौतमबुद्धनगर तक भेजा जा रहा है।
पटाखे के एक व्यापारी ने बताया कि साल में एक बार दिवाली का त्योहार आता है। इसलिए उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए हम पटाखे मंगाते हैं। एजेंटों के माध्यम से माल उनके तक पहुंचा देते हैं। इंडस्ट्रियल एरिया में इस तरह के कई गोदाम बनाए गए हैं। दिवाली से एक-दो दिन पहले होम डिलिवरी की जाएगी।
पटाखों के बढ़ गए हैं दाम
पटाखा कारोबारियों का कहना है कि इस बार पटाखे की मैनुफैक्चरिंग कम हुई है। स्टॉक कम है। इसलिए पिछली साल की तुलना में इस बार इसके दाम डेढ़ गुना अधिक बढ़ गया है।
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