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Uppsc : पीसीएस की संशोधित उत्तर कुंजी जारी न होने से तैयारी प्रभावित

यूपीपीएससी ने आपत्तियां तो मांगीं, पर नहीं बताए कितने सवाल गलत और कितने सही, अभ्यर्थियों की मांग, आयोग पूर्व की भांति अंतिम परिणाम के साथ जारी करे उत्तर कुंजी।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने कुछ दिनों पहले ही पीसीएस-2021 की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी हैं, लेकिन अभ्यर्थियों को अब तक पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की अंतिम यानी संशोेधित उत्तर कुंजी जारी होने का इंतजार है। इसी तरह समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती परीक्षा की भी अंतिम उत्तर कुंजी जारी नहीं हुई है। अभ्यर्थियों को मालूम नहीं चल पा रहा कि उन्होंने कितने सवाल गलत किए और कितने सही। इससे उनकी आगामी परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही है।

वर्ष 2019 से पहले तक यूपीपीएससी अंतिम चयन परिणाम के साथ ही संशोधित उत्तर कुंजी जारी कर देता था। इससे परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को पता लग जाता था कि उन्होंने कितने सवाल गलत किए। साथ ही जो अभ्यर्थी सवालों पर आपत्ति करते थे, संशोधित उत्तर कुंजी जारी होते ही उन्हें पता लग जाता था कि उनकी आपत्ति सही थी या गलत। इससे अभ्यर्थियों को आगामी परीक्षाओं की तैयारी में काफी मदद मिलती थी और जो अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में छंटकर बाहर हो जाते थे, वे संशोधित उत्तर कुंजी के आधार पर अपना मूल्यांकन कर लेते थे, ताकि भविष्य में गलती न हो और उन्हें सफलता मिल सके।

वर्ष 2019 से आयोग ने संशोधित उत्तर कुंजी जारी करना बंद कर दिया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि संशोधित उत्तर कुंजी जारी न होने से अभ्यर्थियों को काफी नुकसान हो रहा है।

आयोग ने पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की संशोधित उत्तर कुंजी अब तक जारी नहीं की। आयोग ने कुछ दिनों पहले पीसीएस-2021 की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां तो मांग लीं, लेकिन संशोधित उत्तर कुंजी जारी होगी या नहीं, इस पर उहापोह की स्थिति है। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि पूर्व की भांति अंतिम चयन परिणाम के साथ संशोधित उत्तर कुंजी जारी की जाए, ताकि प्रतियोगियों को आगामी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी का मौका मिल सके।

प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र भी जारी करने की मांग
आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र जारी करने भी बंद कर दिए हैं और संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी नहीं हो रही है। ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा में असफल अभ्यर्थियों को पता नहीं चल पा रहा कि उन्हें कितने अंक मिले और किस गलती के कारण उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि आयोग पूर्व की भांति प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र भी जारी करे।

अभ्यर्थियों को बदलाव की उम्मीद
कुछ दिनों पहले ही आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने अभ्यर्थियों को राहत देते हुए निर्णय लिया कि अब प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए और मुख्य परीक्षा में तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई कराया जाएगा। पीसीएस-2021 से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने वर्ष 2019 में इसे घटाकर क्रमश: 13 एवं दो गुना कर दिया था, जिसका प्रदेश भर में विरोध हुआ था। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि आयोग के वर्तमान अध्यक्ष ने जिस तरह इस मामले में उन्हें राहत दी है, उसी प्रकार संशोधित उत्तर कुंजी और मार्कशीट के मामले में भी राहत प्रदान करेंगे।

विस्तार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने कुछ दिनों पहले ही पीसीएस-2021 की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी हैं, लेकिन अभ्यर्थियों को अब तक पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की अंतिम यानी संशोेधित उत्तर कुंजी जारी होने का इंतजार है। इसी तरह समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती परीक्षा की भी अंतिम उत्तर कुंजी जारी नहीं हुई है। अभ्यर्थियों को मालूम नहीं चल पा रहा कि उन्होंने कितने सवाल गलत किए और कितने सही। इससे उनकी आगामी परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही है।

वर्ष 2019 से पहले तक यूपीपीएससी अंतिम चयन परिणाम के साथ ही संशोधित उत्तर कुंजी जारी कर देता था। इससे परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को पता लग जाता था कि उन्होंने कितने सवाल गलत किए। साथ ही जो अभ्यर्थी सवालों पर आपत्ति करते थे, संशोधित उत्तर कुंजी जारी होते ही उन्हें पता लग जाता था कि उनकी आपत्ति सही थी या गलत। इससे अभ्यर्थियों को आगामी परीक्षाओं की तैयारी में काफी मदद मिलती थी और जो अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में छंटकर बाहर हो जाते थे, वे संशोधित उत्तर कुंजी के आधार पर अपना मूल्यांकन कर लेते थे, ताकि भविष्य में गलती न हो और उन्हें सफलता मिल सके।

वर्ष 2019 से आयोग ने संशोधित उत्तर कुंजी जारी करना बंद कर दिया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय और मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि संशोधित उत्तर कुंजी जारी न होने से अभ्यर्थियों को काफी नुकसान हो रहा है।

आयोग ने पीसीएस-2019 और पीसीएस-2020 की संशोधित उत्तर कुंजी अब तक जारी नहीं की। आयोग ने कुछ दिनों पहले पीसीएस-2021 की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां तो मांग लीं, लेकिन संशोधित उत्तर कुंजी जारी होगी या नहीं, इस पर उहापोह की स्थिति है। भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष कौशल सिंह ने आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि पूर्व की भांति अंतिम चयन परिणाम के साथ संशोधित उत्तर कुंजी जारी की जाए, ताकि प्रतियोगियों को आगामी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी का मौका मिल सके।

प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र भी जारी करने की मांग

आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र जारी करने भी बंद कर दिए हैं और संशोधित उत्तरकुंजी भी जारी नहीं हो रही है। ऐसे में प्रारंभिक परीक्षा में असफल अभ्यर्थियों को पता नहीं चल पा रहा कि उन्हें कितने अंक मिले और किस गलती के कारण उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर होना पड़ा। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि आयोग पूर्व की भांति प्रारंभिक परीक्षा के अंकपत्र भी जारी करे।

अभ्यर्थियों को बदलाव की उम्मीद

कुछ दिनों पहले ही आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने अभ्यर्थियों को राहत देते हुए निर्णय लिया कि अब प्रारंभिक परीक्षा में पदों की संख्या के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए और मुख्य परीक्षा में तीन गुना अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाई कराया जाएगा। पीसीएस-2021 से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने वर्ष 2019 में इसे घटाकर क्रमश: 13 एवं दो गुना कर दिया था, जिसका प्रदेश भर में विरोध हुआ था। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि आयोग के वर्तमान अध्यक्ष ने जिस तरह इस मामले में उन्हें राहत दी है, उसी प्रकार संशोधित उत्तर कुंजी और मार्कशीट के मामले में भी राहत प्रदान करेंगे।