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आम लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को ठिकाने लगाने हो सर्जिकल स्ट्राईक

जम्मू-कश्मीर में पिछले महीने आम नागरिकों की हत्या करने वाले सभी आतंकियों को ठिकाने लगा दिया गया है। अब आतंकवाद की कमर तोडऩे के लिए सुरक्षाबलों की छोटी टुकडिय़ां बनाई गई हैं। ये टुकडिय़ां आतंकियों के एक्शन से पहले उन्हें मार गिराने का काम करेंगी। एक तरह से आतंकवाद के खिलाफ ये सर्जिकल स्ट्राइक की तरह है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में हालात नियंत्रण में हैं। यहां 2018 में 318 आतंकी घटनाएं हुई थीं। जबकि, इस साल सिर्फ 121 घटनाएं हुई हैं। 2019 में जहां पथराव की 202 घटनाएं हुई थीं, वहीं इस साल अब तक सिर्फ 39 केस दर्ज किए गए हैं। बीती 7 अक्टूबर को आतंकवादी मेहरान यासीन शल्ला ने श्रीनगर के सफाकदल में एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर की हत्या की थी। उसे 24 नवंबर को मार गिराया गया है।

अनंतनाग में लिटार बस स्टैंड के पास आतंकी आदिल आह वानी ने बढ़ई और सहारनपुर निवासी सगीर अहमद अंसारी की हत्या की थी। वानी को 20 अक्टूबर को शोपियां में सुरक्षाबलों ने ढेर किया था। इसी तरह 17 अक्टूबर को बिहार के दो मजदूरों की हत्या में आतंकी गुलजार अहमद रेशी शामिल था और कुलगाम के वानपोह में एक मजदूर घायल हो गया था। सूत्रों ने बताया कि रेशी को 20 अक्टूबर को मार गिराया गया था।

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक आतंकवाद से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सेना के बीच बेहतर समन्वय के ढांचे को तैयार किया गया है। आतंकवाद से होने वाला नुकसान कम किया जा सकेगा। सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का मुख्य फोकस निर्दोष लोगों की हत्या को रोकना है।

इसी वजह से खुफिया जानकारी के तहत सर्जिकल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। खुफिया जानकारी है कि इस वजह से पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं ने कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को निर्देश दिया है कि जब भी सुरक्षा बल आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू करें तो, कम से कम 10 नागरिकों की हत्या की जाए।सूत्रों ने श्रीनगर के हैदरपोरा में मुठभेड़ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि एक खास वर्ग खोई हुई जगह पर कब्जा करने के लिए ध्यान केंद्रित कर रहा है।

जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने गुरुवार को कहा था कि हैदरपोरा मुठभेड़ की चल रही जांच से पता चला कि आतंकी गतिविधियां करने वालों को कुछ लोगों का समर्थन हासिल है। बता दें कि आतंकियों के समर्थकों पर भी कार्रवाई जारी है। पिछले दिनों तमाम सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। अब 47 ऐसे कर्मचारियों पर गाज गिराने की तैयारी है।