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Editorial:राष्ट्र विरोधी तत्वों पर शिकंजा कसना आवश्यक

26-1-2022

गणतंत्र का अर्थ है, जनता के लिए जनता द्वारा शासन। साल 1950 में 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। अब देश के अलगाववादी ताकतों और राष्ट्रद्रोहियों के कुचक्र पर प्रहार करने की आवश्यक्ता है, शरजील इमाम जैसे लोग जो देश में रहकर देश विरोधी बोल बोलते हैं ऐेसे षडयंत्रकारियों पर विराम लगाने की आवश्यक्ता है।
अभी बीते दिन दिल्ली हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषणों से जुड़ी एफआईआर के आधार पर शरजील इमाम के खिलाफ आरोप तय किए। कोर्ट ने कहा कि साल 2019 के दिसंबर में दिए गए भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा। कोर्ट ने उन भाषणों को भड़काऊ माना है। जेएनयू के स्टूडेंट रहे इमाम पर 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया इलाके में और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। इस पर शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह और दूसरी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चले आंदोलनों के बीच शरजील इमाम का जामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने का एक विवादित बयानों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। यही नहीं शरजील इमाम ने शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि बाकी भारत को नॉर्थ ईस्ट से जोडऩे वाला चिकन नेक मुस्लिम बहुल इलाका है और अगर सभी मुस्लिम इक_ा हो जाएं, तो वे नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग कर सकते हैं।
अब समय आ गया है ऐसे कुचक्र रचने वालों को सामने लाने का ताकि देश की जनता को राष्ट्रवाद की परिभाषा का असली अर्थ समझ में आये, जो विचारधारा देश का ही अहित सोचती है, भारत के विभाजन की सोच रखती है ऐसी सोच और ताकतों को नष्ट करना ही देशहित के लिये सार्थक कदम होगा।

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