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लता मंगेशकर का निधन: स्वामी हरिदास की अनन्य भक्त थीं स्वर कोकिला, वृंदावन आने पर करतीं थीं निधिवन में दर्शन

भारत रत्न प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का रविवार सुबह 92 साल की उम्र में निधन हो गया। लता मंगेशकर के निधन से वृंदावन के संगीत प्रेमियों में शोक है। वर्ष 1956 से 1976 के बीच कई बार लता मंगेशकर का वृंदावन आना हुआ। लता मंगेशकर जब भी वृंदावन आती थीं तो निधिवन में दर्शन करने जरूर जाती थीं।
सूफी भजन गायक जेएसआर मधुकर बताते हैं कि उनके पिता श्रीहित आशुदयाराम महाराज को लता मंगेशकर अपना भाई मानती थीं। इसीलिए वह बांके बिहारी कॉलोनी स्थित उनके घर पर भी कई बार आईं और पिताजी से संगीत की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि एक बार उनके पिता के साथ स्वर कोकिला लता मंगेशकर जब संगीत सम्राट स्वामी हरिदास जी की साधना स्थली पहुंचीं तो कुछ क्षण आंख बंद कर वहीं बैठी रहीं और भक्ति में लीन हो गईं थीं।

हेमा मालिनी ने दी श्रद्धांजलि

मथुरा में भाजपा की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमामालिनी ने भी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर बहुत बड़ी कलाकार थीं, मैंने 200 फिल्मों में काम किया है और मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने उनके द्वारा गाए गए हिट गानों पर प्रस्तुति दीं। उनके जैसा गीत कोई नहीं गा सकता है, वह बहुत खास थीं। उनके निधन की खबर से मन बहुत दुखी है।

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