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यूपी: मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास को भारी पड़ेगा ‘हिसाब-किताब’ वाला बयान, पुलिस ने हेट स्पीच मामले में कसा शिकंजा

मऊ सदर विधानसभा सीट से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल कर विधायक बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। अखिलेश यादव के नाम पर अधिकारियों को धमकी देने के मामले में अब्बास अंसारी पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। हेट स्पीच के इस मामले में मऊ पुलिस ने अब अपने जांच के दायरे को आगे बढ़ा दिया है।

अब्बास के खिलाफ कुछ और धाराएं भी लगाई गई हैं। बीते पांच मार्च को चार और धाराएं 186, 189, 153ए और 120बी बढ़ाई गई। इससे पहले चार मार्च को पुलिस ने पहले 171 एच और 506 आईपीसी की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।

‘हिसाब-किताब’ वाले बयान का वीडियो हुआ था वायरल
इस संबंध में एसओ कोतवाल संजय त्रिपाठी का कहना है कि यह मामला मतदान से पहले का है। इस मामले में पहले दो ही धाराओं में मुकदमा दर्ज था। बाद में इसमे चार धाराएं और बढ़ा कर मामले में कार्रवाई की जा रही है। चुनाव से ठीक पहले अब्बास ने एक जनसभा में कहा था कि सपा सरकार बनने पर पहले अधिकारियों का “हिसाब किताब” होगा। जिसका वीडियो खूब वायरल हुआ था। उसी बयान को आधार बनाते हुए अब्बास अंसारी पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया था। अब्बास अंसारी के चुनाव प्रचार पर 24 घंटे की रोक लगा दी थी। अब अब्बास के खिलाफ दर्ज मुकदमे में कई धाराएं बढ़ा दी गई हैं।  मुख्तार अंसारी की परंपरागत सीट मऊ सदर से इस बार सपा गठबंधन ने अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा था।

चुनाव प्रचार के दौरान तीन मार्च को पहाड़पुरा में आयोजित सभा में अब्बास अंसारी ने अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा था कि भैया से बात हो गई है। सपा की सरकार बनने पर यहां के अधिकारियों का छह महीने तक ट्रांसफर नहीं होगा। पहले सभी का हिसाब-किताब होगा।

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