दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान, जो सत्तारूढ़ आप के विधायक भी हैं, के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस’ पर सक्षम प्राधिकारी तेजी से निर्णय लेगा।
राज्य द्वारा अदालत को यह भी बताया गया कि खान द्वारा बोर्ड के अन्य सदस्यों के खिलाफ किए गए अभ्यावेदन को भी कानून के अनुसार शीघ्रता से निपटाया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के चार सदस्यों ने 3 मार्च को खान के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस’ दिया था।
उपराज्यपाल को भेजे गए पत्र में सदस्यों- परवेज हाशमी, चौधरी शरीफ अहमद, नईम फातिमा काजमी और रजिया सुल्ताना ने खान पर भ्रष्टाचार और अवैधता का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा था, ‘अध्यक्ष और उनके कुछ सहयोगियों की मर्जी और पसंद के मुताबिक कई वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
हालांकि, उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका में खान ने प्रस्तुत किया था कि दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के उनके अभ्यावेदन पर पहले निर्णय लिया जाना चाहिए क्योंकि “यदि सदस्य ‘नो कॉन्फिडेंस’ को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, तो वे सदस्य के रूप में जारी रखने के योग्य नहीं हैं। बोर्ड, तब कथित ‘अविश्वास प्रस्ताव की धारणा’ को पूरी तरह से अव्यवस्थित और इस तरह विकृत किया जाएगा।
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