सहारनपुरः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की मीटिंग में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें समान नागरिक संहिता को लेकर लाया गया प्रस्ताव भी शामिल है। जमीयत ने साफतौर पर कहा कि कॉमन सिविल कोड किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं होगा। इसे लागू करना संविधान का उल्लंघन होगा। इस्लामी कायदे-कानून में किसी तरह की दखलंदाजी मंजूर नहीं होगी।
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि देश में नकारात्मक राजनीति के अवसर निकाले जा रहे हैं। मंदिर-मस्जिद के विवाद से देश की शांति को नुकसान होगा। सबको साथ लेकर चलने से ही राष्ट्र निर्माण होगा। मदनी ने कहा कि मुसलमान इस देश के गैर नहीं हैं। वे मुल्क के लिए जान लगाने को तैयार हैं। आज हमारे वजूद का सवाल है। हमसे लोग पाकिस्तान जाने की बात करते हैं। जिसको शौक है, वो चला जाए। ये हमारा मुल्क है। मजहब अलग है लेकिन मुल्क एक है। ये हमारा मुल्क है और हम कहीं नहीं जाएंगे। मदनी ने कॉमन सिविल कोड को मंजूर करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह गैर संवैधानिक है।
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